उरई। सांसद भानु प्रताप वर्मा के बागी तेवरों से भाजपा में हड़कंप बढ़ता जा रहा है। वे सार्वजनिक मंचों से अपनी ही पार्टी के लोगों को जूते में दाल बांट रहे हैं जिससे पार्टी सन्न है। उन्होंने गुरुवार को गांधी संकल्प पदयात्रा के राधा पैलेस में आयोजित समापन समारोह में फिर तेवर दिखा डाले। बोले जब पार्टी में भ्रष्टाचार बिल्कुल खत्म है तो नीचे वालों की करतूतें क्यों झेली जाय।
सांसद के बोलने के पहले कोंच के विधायक मूलचंद्र निरंजन और उरई सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा ने जब भाषण दिया तभी वे भानु वर्मा की फड़ फड़ाती बॉडी लैंग्वेज से सहमे नजर आ रहे थे इसलिए जैसे ही उन्होंने अपना संबोधन पूरा किया फूट लेने की मुद्रा अख्तियार कर ली।
लोगों को तो उनके गायब हो जाने का पता तब चला जब सांसद ने तीर चलाने शुरू किए तो लोगों को उत्सुकता हुई कि विधायकों के चेहरे इबारत पढी जाए।
सांसद ने कहा 2 ही बहादुर नगर निकाय अध्यक्ष अनिल बहुगुणा और शैलेंद्र सिंह है जिन्होंने जन प्रतिनिधियों की अवैध वसूली के आगे घुटने टेकने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि तथाकथित जन प्रतिनिधियों ने पार्टी की नाक कटा रखी है।
संभवतया सांसद पार्टी में उच्च नेतृत्व को स्थानीय नेताओं के इन कारनामों से अवगत करा चुके हैं लेकिन कोई एक्शन होते न देख उनका धैर्य चुकने लगा है। आवेश में उन्होंने यहां तक कह दिया कि कमीशन मांगने वाले जन प्रतिनिधियों को कार्यकर्ता ही कालर पकड़ कर खींचना शुरू कर दें तभी वे सुधर पाएंगे। इसके पीछे पार्टी उच्च नेतृत्व को बेनकाब करने की भावना साफ झलक रही थी।
सांसद ने नदीगांव में बुधवार को महीने भर चलने वाले मेले का शुभारंभ करते हुए भी कमोबेश ऐसा ही भाषण दिया था। गत दिनों विकास भवन में आयोजित एक बैठक में लोक निर्माण विभाग के एक अधिशाषी अभियंता को आड़े हाथ ले डाला । उन्होंने कहा कि वे निरीक्षण के लिए विधायक को ही ले जाए उनके बेटों को नहीं। विधायक पुत्र कुछ नहीं होता।
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