जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों की चिंता इसलिए बहुत ज्यादा है क्योंकि इसे लेकर यह संभावना जताई जा रही है कि इसका सबसे ज्यादा असर बच्चो पर होगा. कोरोना से लड़ने के लिए बच्चो का इम्यून सिस्टम बहुत स्ट्रांग होना चाहिए. बहुत छोटे बच्चो की इम्युनिटी को माँ के दूध से कंट्रोल किया जा सकता है. विश्व स्तनपान सप्ताह का आज आख़री दिन है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि माँ का दूध पीने वाले बच्चो की इम्युनिटी दूसरे बच्चो की अपेक्षा बेहतर होती है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि माँ का दूध कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बच्चो को ज़रूरत भर ताकत दे देता है. मातृ एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजू पुरी का कहना है कि बच्चो को दूध पिलाने वाली माओं को भी कोरोना वैक्सीन की मंजूरी दी गई है ताकि अपने बच्चो में कोरोना से लड़ने की ताकत देने वाली माँ खुद भी इस बीमारी से सुरक्षित रहे. उनका कहना है कि दूध के ज़रिये बच्चो में वैक्सीन का असर भी पहुँचता है, इससे भी बच्चे में इस बीमारी से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जो माएं अपने बच्चो को दूध नहीं पिलाती हैं और अपना वैक्सीनेशन कराती हैं उनकी वैक्सीन का फायदा सिर्फ उनको ही मिलेगा लेकिन जो माँ दूध भी पिलाती है और वैक्सीन भी लगाती है उसका फायदा माँ और बच्चे दोनों को होता है.
यह भी पढ़ें : 920 बच्चो पर होगा दो से 17 साल के बच्चो की वैक्सीन का परीक्षण
यह भी पढ़ें : वाहन का बीमा कराना है तो अपने पोस्टमैन को फोन करें
यह भी पढ़ें : रक्षाबंधन पर इन बेटियों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है योगी सरकार
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : इसे मैंने आखिर लिख क्यों दिया?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है बच्चा माँ के पेट में होता है तो अपना पोषण उसी से हासिल करता है जो माँ खाती है लेकिन पैदा होने के बाद उसे ज़रूरी पोषण माँ के दूध से ही हासिल होता है. विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान डॉक्टर माओं को इस बात के लिए काफी प्रेरित करते दिखे कि वह अपना वैक्सीनेशन भी कराएं और बच्चो को अपना दूध भी पिलायें.