अविनाश भदौरिया
बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह (जिन्हें लोग प्यार से ‘मोटा भाई’ भी कहते हैं ) ने बिहार में बिहार के वैशाली में गुरुवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही आगामी बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।
अमित शाह के इस बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि, बीजेपी ने यह मान लिया है कि बिहार में वह नंबर दो की पार्टी की भूमिका निभाएगी। दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में भी महाराष्ट्र की तर्ज पर छोटा भाई और बड़ा भाई वाली स्थिति बनी हुई थी।
#WATCH Union Home Minister and BJP leader Amit Shah, in Vaishali (Bihar): I would like to put all rumours to rest. The next election in Bihar will be fought under the leadership of Nitish Kumar ji. BJP and JD(U) will contest together. pic.twitter.com/yhTnNZrY0r
— ANI (@ANI) January 16, 2020
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कुछ दिनों पहले ही बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।’ अपने इस ट्वीट में उन्होंने जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर भी हमला बोला था।
सुशील मोदी के इस ट्वीट के बाद प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में कहा था कि, ‘बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और जेडीयू की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। उन्होंने बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर एक बार फिर से निशाना साधते हुए कहा कि 2015 में परिस्थितिवश डिप्टी सीएम बनने वाले सुशील मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।
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बता दें कि इससे पहले भी प्रशांत किशोर ने बिहार में जेडीयू को बड़ा भाई बताते हुए कहा था कि उसे बीजेपी से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा था कि बिहार में एनडीए की वरिष्ठ साझीदार होने के नाते उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुकाबले अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
किशोर ने कहा था कि दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसलिए मेरे अनुसार, लोकसभा चुनाव का फॉर्मूला विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जा सकता और जेडीयू और अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
बीजेपी के लिए बिहार विधानसभा चुनाव क्यों है महत्वपूर्ण
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में लगातार पिछड़ती जा रही है। हाल ही में महाराष्ट्र और झारखण्ड में पार्टी सत्ता गंवा चुकी है। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल की वापसी के संकेत मिल रहे हैं ऐसे में इसी साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पार्टी के लिए विशेष महत्व रखते हैं।
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बीजेपी के सहयोगी दल भी राज्यों में उसके सिकुड़ते जाने के बाद हावी होने लगे हैं। साथ ही राज्यसभा में भी बीजेपी का गणित बिगड़ रहा है। बिहार उत्तर भारत का एक बड़ा राज्य है और यूपी-बिहार की राजनीति का दखल सीधे केंद्र पर होता है। इसके आलावा नागरिकता शंशोधन कानून को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार की मुश्किलें कम नहीं हो रही। शायद यही वजह है कि, अमित शाह अब नीतीश कुमार के साथ किसी तरह का टकराव नहीं चाहते।