जुबिली न्यूज डेस्क
किसी को खसरा होने का पहला संकेत होता है शरीर पर खुजली वाले लाल चकत्ते होना। चकत्ते के निशान सबसे पहले कानों के पीछे, गर्दन या सिर पर दिखाई देते हैं। इन चकत्तों के दिखाई देने से तीन दिन पहले ही इसका वायरस शरीर में पहुंच चुका होता है।
इसके सही उपचार के लिए संदिग्ध रोगी के खून में एंटीबॉडीज का होना जरूरी है।
खसरे का वायरस अक्सर छींकने या खांसने से हवा में लार या बलगम के द्वारा फैलता है। यह किसी संक्रमित व्यक्ति के बेहद नजदीक खड़ा होकर बात करने से भी फैल सकता है।
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खसरा बेहद संक्रामक बीमारी है। हर संक्रमित व्यक्ति करीब 15 स्वस्थ इंसानों को संक्रमित कर देता है। खसरा सिर्फ इंसानों में ही फैलता है।
खसरे को लेकर एक रिपोर्ट आई है जिसमें दावा किया गया है कि दुनिया भर में खसरा के साढ़े आठ लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। इ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिका की संस्था सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक नई रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि साल 2019 में खसरा बीमारी के कारण दो लाख से ज्यादा मौतें हुई। यह पिछले 23 साल में आने वाले सबसे अधिक मामले हैं।
रिपोर्ट के अनुसार एक दशक में वैक्सीन की पर्याप्त पहुंच न होने के कारण खसरा के मामलों में वृद्धि हुई। वर्ष 2016 में खसरा के कारण होने वाली मौतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन 2019 में उसकी तुलना में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है।
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हालांकि साल 2020 में कम मामले देखने को मिले हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण वैक्सीन के प्रयासों को झटका लगा है।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फोर ने दुनिय को आगाह करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संकट से पहले दुनिया खसरे के संकट से जूझ रही थी और यह अभी टला नहीं है।
उन्होंने कहा कि खसरा की पूरी तरह रोकथाम की जा सकती है लेकिन इसके लिए समय रहते 95 फीसदी बच्चों को खसरा वैक्सीन की दो खुराकें बच्चों को दी जानी चाहिए।
पहली खुराक एमसीवी1 की कवरेज में पूरी दुनिया में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से रूकावट आई है और अब यह 84-85 फीसदी तक सीमित है।
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रिपोर्ट बताती है कि एमसीवी2 की कवरेज में वृद्धि हो रही है, लेकिन यह अभी 71 प्रतिशत तक ही सम्भव हो पाई है।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले कुछ समय के दौरान कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, मैडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, जॉर्जिया, समोआ, यूक्रेन, उत्तर मैसेडोनिया सहित अन्य देशों में बड़ी संख्या में खसरा के मामले सामने आये हैं।
मालूम हो कि बीते सप्ताह यूनीसेफ और डब्ल्यूएचओ ने खसरा और पोलियो के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए एक साझा अपील जारी की थी जिसमें कहा गया था कि अगले तीन साल में 25 करोड़ डॉलर की धनराशि की जरूरत होगी, ताकि खसरा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता की कमियों को दूर किया जा सके।