जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई: मालवणी पुलिस के अंतर्गत 20 वर्षीय एक युवती ने कथित तौर पर मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार, मृतक युवती की पहचान अपर्णा नायर के रूप में हुई है। वह केरल की रहने वाली थी और अग्निवीर योजना के तहत चयनित होकर आईएनएस हमला में प्रशिक्षण ले रही थी। इस संबध में मालवणी पुलिस ने एडीआर दर्ज कर जांच कर रही है।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक चिमाजी आढ़व के मुताबिक, शव को बोरीवली के भगवती अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। पोस्टमॉर्टम होने के बाद परिजन के निवेदन पर उसके शव को केरल स्थित गृहनगर ले जाया गया। हालांकि, आढव ने बताया कि घटनास्थल पर कोई सूईसाइड नोट नहीं मिला। इसलिए प्रथम दृष्टया किसी व्यक्तिगत कारण से अपर्णा ने यह कदम उठाया होगा, जिसकी जांच जारी है।
चादर से बनाया फांसी का फंदा
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अपर्णा की रूममेट मंगलवार सुबह जब अपने कमरे लौटी और बार-बार दरवाजा खटखटाया, तो अपर्णा ने न तो दरवाजा खोला और न ही कोई जवाब दिया। किसी अनहोनी की आशंका से रूममेट ने अन्य लड़कियों और छात्रावास के कर्मचारियों को सूचित किया। कर्मचारियों ने अपर्णा के कमरे का दरवाजा तोड़ा तो अंदर वह बेसुध हालत में दिखाई दी। मौके पर नेवी के डॉक्टरों को बुलाया गया, जिन्होंने अपर्णा की जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया।
हालांकि, एक सूत्र बताते हैं कि अपर्णा किसी युवक से प्रेम करती थी। पिछले कुछ दिनों से दोनों में कहासुनी हुई थी। शायद इसी से आहत होकर उसने ऐसा कदम उठाया होगा। बताया जाता है कि अपर्णा ने चादर की मदद से फांसी का फंदा बनाकर जान दी है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने उसके कथित प्रेमी अथवा किसी अन्य व्यक्ति को हिरासत में नहीं लिया है।
नाबालिगों की संख्या अधिक
आंकड़ों के अनुसार, पुरूषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक खुदकुशी करती हैं। इनमें भी नाबालिगों की संख्या अधिक है। इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 18 लोगों ने जबकि पिछले साल 12 लोगों ने जान दे दी थी। इनमें से 78 फीसदी केसों को इस साल जबकि 2022 में 83 फीसदी केसों को पुलिस ने हल कर लिया।
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लड़कियों ने ज्याद की खुदकुशी
ओवरऑल बात करें तो पिछले चार सालों में 188 लड़कों ने जबकि 231 लड़कियों ने खुदकुशी कर लिया है। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की खुदकुशी करने का दर करीब 23 फीसदी अधिक बताई जा रही है। वहीं, हर उम्र के लोगों द्वारा जान देने की बात करें तो 2019 में कुल 1229 लोगों ने जबकि 2022 तक यह आकंड़ा 1499 तक पहुंच गया।