जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। भारत में आज यानी 22 मार्च को रमजान का चांद नहीं दिखा है. इसलिए भारत में पहला रोजा कल यानी कि बृहस्पतिवार को नहीं बल्कि शुक्रवार (24 मार्च) को रखा जाएगा।
आज सऊदी अरब में चांद नजर आया है. यानी कि वहां कल यानी कि बृहस्पतिवार (23 मार्च) को पहला रोजा रखा जाएगा।
शिया चाँद कमेटी के अध्यक्ष सैय्यद मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने सूचना दी है कि 22 मार्च 2023 को रमज़ान के चाँद नहीं हुआ है इस लिए कल 23 मार्च को शाबान की 30 तारीख होगी और 24 मार्च 2023 को रमज़ान की पहली होगी और हज़रत इमाम हसन अ.स का जन्म दिवस 7 अप्रैल को और शहादते हज़रत अली अ.स. 13 अप्रैल को है…
इस बीच आयातुल्लाह सादिक हुसैनी शिराजी के कार्यालय में मौलाना सैयद सैफ अब्बास की अध्यक्षता में रमजान उल मुबारक के आगमन के विषय पर विद्वानों का एक जलसा हुआ, जिसमें विद्वानों ने भाग लिया।
मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कुरान पाक की तिलावत के बाद विद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि रमजान का महीना अनंत नेमतों वाला आ रहा है और यह हम लोगों भाग्यशाली है कि हम रमजान के महीने में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए इस बरकत वाले महीने रमजान का लाभ उठाते हुए, लोगों को धार्मिक मुद्दों और अहले बैत अ0स0 की शिक्षाओं से परिचित कराना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
मौलाना सैफ अब्बास ने आगे इस बात पर जोर दिया कि भले ही हम हर दिन धार्मिक मुद्दों की व्याख्या नहीं कर सकते, सप्ताह में कम से कम दो दिन शनिवार और रविवार को, जब अधिकांश कार्यालय बंद रहते हैं, हम धार्मिक मुद्दों और शिक्षाओं पर चर्चा कर सकते हैं। क्योंकि इमाम ज़माना (अ.स.) की ग़ैबत में यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम मराज-ए-केराम के फतवों को लोगों तक पहुँचाएं ताकि लोग अपनी इबादत को सही तरीके से कर सकें और शरीयत के मुद्दों को जानने की इच्छा एवं दिलचसपी और सुधार दिन प्रति दिन पैदा हो सके।
कार्यक्रम में मौलाना गुलाम अब्बास, मौलाना मुस्तफा अली खान, मौलाना अफजल हुसैन काजमी, मौलाना शबिहुल हसन, मौलाना काजिम वाहिदी, मौलाना आसिफ सेथली, मौलाना सोहेल अब्बास, मौलाना नसीम सुल्तानपुरी, मौलाना रजी हैदर, मौलाना नफीस अख्तर, मौलाना इम्तियाज सीथली, मौलाना आगा महदी मौलाना मजहर इमाम, मौलाना एजाज सीतापुरी, मौलाना मिर्जा वाहिद हुसैन, मौलाना गजनफर अब्बास, मौलाना गुलाम सरवर, मौलाना रजा एलिया, मौलाना मुहम्मद ज़ुहैर अब्बास, मौलाना डॉ. अली सलमान, मौलाना मुहम्मद मशरिकीन आदि मौजूद थे.