न्यूज डेस्क
देश की अर्थव्यवस्था को लगातार रफ्तार देने की कोशिशों में जुटी केंद्र सरकार को अमेरिकी के्रडिट रेटिंग कंपनी मूडीज ने झटका दिया है। मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर नया आंकड़ा पेश किया है। भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में बड़ी कटौती करते हुए मूडीज ने इसे 6.6 पर्सेंट से घटाते हुए 5.4 फीसदी कर दिया है।
इतना ही नहीं मूडीज ने 2021 की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को भी 6.7 फीसदी से घटाकर 5.8 पर्सेंट कर दिया है। मूडीज ने कहा है कि मौजूदा तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में कुछ सुधार दिखा है, लेकिन यह उम्मीद से कम है। इसके चलते हमने 2020 के लिए अनुमान को घटा दिया है।
मूडीज के अनुसार भारत की इकोनॉमी स्थिरता की ओर बढ़ रही है, लेकिन प्रक्रिया बहुत धीमी है।
मूडीज ने ग्लोबल आउटलुक जारी करते हुए कहा कि भारत की आर्थिक ग्रोथ बीते दो सालों में तेजी से कम हुई है और अभी इसके उबरने की संभावना कम ही है।
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गौरतलब है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ 2019 की तीसरी तिमाही में 5 फीसदी से नीचे गिरते हुए 4.5 पर्सेंट पर पहुंच गई थी, जो बीते 11 सालों का सबसे निचला स्तर था। हालांकि जनवरी महीने में सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में कुछ उछाल से आने वाले वक्त में स्थिरता की उम्मीद जगी है।
मूडीज ने भारत की इकोनॉमी में सुस्ती के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के अलावा चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने को भी जिम्मेदार ठहराया। अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि जी-20 के देश इस साल 2.4 फीसदी की ग्रोथ से आगे बढ़ेंगे। मूडीज ने भारत के अलावा चीन के जीडीपी अनुमान को भी कम करते हुए 5.2 फीसदी कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने साफ तौर पर कोरोना वायरस को भी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए चिंताजनक बताया। मूडीज ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर के चलते पहले ही मंदी के हालात से गुजर रही अर्थव्यवस्था को अब कोरोना वायरस के चलते बड़ा झटका लगा है।
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