जुबिली न्यूज डेस्क
अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर राजनीतिक गरमाहट और मणिपुर के हालात पर आक्रोश के बीच संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. विपक्ष ने मणिपुर पर प्रधानमंत्री से बयान की मांग की है और ऐसा न होने पर हंगामे की चेतावनी दी है. केंद्र मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए राजी है, हालांकि पीएम बयान देंगे या नहीं इस पर कोई स्पष्टता नहीं है. इस बीच सरकार ने मानसून सत्र के दौरान संसद से 31 विधेयक पेश कराने की योजना बनाई है. इनमें से एक विधेयक उस अध्यादेश का स्थान लेने के लिए है, जो केंद्र को दिल्ली में तैनात नौकरशाहों को नियंत्रित करने की शक्ति देता है.
31 विधेयक लाए जाने की संभावना
सरकार ने 31 बिल तैयार किए हैं, जिनमें फिल्म पायरेसी की जांच करने, सेंसर प्रमाणन के लिए आयु-आधारित श्रेणियां पेश करने और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना के लिए एक मसौदा कानून शामिल है. मानसून सत्र के लिए केंद्र ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन, वन संरक्षण कानूनों में संशोधन और दिल्ली सेवाओं पर विवादास्पद अध्यादेश पर बिल भी सूचीबद्ध किया है.
बाढ़ की स्थिति पर भी चर्चा
संसद के मानसून सत्र से पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है, ‘हमारी पार्टी की पहली मांग है कि पीएम मणिपुर मुद्दे पर सदन में बयान दें और हमें इस पर चर्चा करने का मौका दें. हम इस पर स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते हैं. इसके अलावा देश का एक बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में है. इस पर भी चर्चा होनी चाहिए. (बालासोर) रेलवे दुर्घटना पर भी चर्चा होनी चाहिए. बेरोजगारी और महंगाई है- ये आम मुद्दे हैं. लेकिन संवैधानिक संस्थाओं पर पड़ रहे आघात पर भी चर्चा होनी चाहिए. भारत-चीन सीमा स्थिति और दोनों देशों के बीच व्यापार पर भी चर्चा होनी चाहिए.
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मणिपुर मुद्दे पर राज्यसभा में नोटिस दिया
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन और नसीर हुसैन ने मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है.