प्रमुख संवाददाता
कोरोना से जंग के लिए भारत सरकार के साथ-साथ सभी राज्य सरकारें रात-दिन काम कर रही हैं। इस महामारी की वजह से एक तरफ जहां लोगों के सामने अपनी जान बचाने का संकट खड़ा हुआ है। वहीं पूरे देश के अचानक एक ही स्थान पर थम जाने से आर्थिक हालात बिगड़ने और तमाम लोगों के सामने भुखमरी का संकट भी खड़ा हो गया है।
अचानक आयी इस विपदा से निबटने के लिए सरकार ने जहां पूरे देश में लॉक डाउन का एलान किया है। वहीं सरकार ने उन इंतजामात की तरफ भी ध्यान देने का फैसला किया है कि कोई भी नागरिक भूख से न मरने पाए। प्रधानमन्त्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसदों, विधायकों और कई उद्योगपतियों ने इस त्रासदी से निबटने के लिए बड़ी-बड़ी धनराशियां देने का एलान कर दिया है ताकि इस मुश्किल वक्त से निबटने में धन की कमी न आड़े आये।
कोरोना से जंग के लिए सांसदों और विधायकों ने अपनी निधि से धन देने का सिलसिला शुरू कर दिया है। कई उद्योगपतियों ने भी इस महामारी से निबटने के लिए बड़ा दिल दिखाते हुए आगे बढ़कर मदद की है। कोरोना के नाम पर उद्योगपतियों से मिली राशि तो तत्काल खर्च की जा सकती है लेकिन सांसद और विधायकों की निधि से मिली धनराशि का तत्काल इस्तेमाल नहीं हो पाएगा।
दरअसल सांसद और विधायक निधि का धन जन प्रतिनिधि के क्षेत्र के विकास में खर्च किये जाने की परम्परा रही है। कोरोना जैसी विशेष परिस्थिति में इस धन को खर्च किये जाने का अब तक कोई प्राविधान नहीं रहा है। अचानक आयी इस आपदा के बाद सांसदों और विधायकों ने अपनी निधि का धन इस आपदा में खर्च किये जाने की इच्छा सरकार से जताई है तो सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए ग्राम्य विकास विभाग को इसका ज़िम्मा सौंपा है।
इसके लिए सरकारी गाइडलाइंस में थोड़ा बदलाव किया गया है। ग्राम्य विकास विभाग इसके लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा. एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग सांसद और विधायक निधि के धन को कोरोना के खिलाफ जंग में खर्च करने का इंतजाम करेगा। लेकिन दिक्कत यह है कि इसके लिए विभाग निविदाएं आमंत्रित करेगा।
अलग-अलग काम का ज़िम्मा अलग-अलग लोगों या एजेंसियों को देगा। किस एजेंसी से कौन सा काम लेगा यह भी तय करेगा। तो ज़ाहिर है कि इसमें समय लगेगा लेकिन धन रहेगा तो दिक्कतों में कुछ कमी तो आ ही जायेगी।
सांसदों और विधायकों द्वारा अपनी निधि से लाखों रुपए देने के एलान का सिलसिला लगातार चल रहा है।गोरखपुर के बांसगांव से भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने अपनी सांसद निधि से 25 लाख देते हुए यह अपेक्षा की है कि उनके संसदीय क्षेत्र के पाँचों विधानसभा क्षेत्रों में इस राशि से पांच – पांच लाख रुपये खर्च किये जायें।
आजमगढ़ के सांसद अखिलेश यादव, दमन दीव के सांसद लालू पटेल और दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर ने अपनी-अपनी सांसद निधि से एक-एक करोड़ रुपये दिए हैं। बारडोली के सांसद प्रभु भाई बसावा ने अपनी सांसद निधि से डेढ़ करोड़ रुपये की राशि दी है। कोरोना से निबटने के लिए उन्होंने सूरत के कलेक्टर, सिटी कमिश्नर और तापी कलेक्टर को 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
कुशीनगर के सांसद विजय दुबे, महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी और सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा ने 25-25 लाख रुपये तथा बस्तील के सांसद हरीश द्विवेदी ने अपनी निधि से 20 लाख रुपये देने का एलान किया है।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सात लाख रुपये, राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद ने 10 लाख रुपए, शोहरतगढ़ के विधायक अमर सिंह चौधरी और हर्रैया विधानसभा से विधायक अजय सिंह ने अपनी-अपनी विधायक निधि से 10- 10 लाख रुपए देने के लिए डीएम को पत्र लिखे हैं।
मेंहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल ने विधायक निधि से पांच लाख रुपये देने का एलान किया है। महादेवा विधानसभा से भाजपा विधायक ने एक महीने का अपना वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा की है।
सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने अपनी सांसद निधि से कोरोना से निबटने के लिए 50 लाख रुपये देने का एलान करते हुए कहा है कि भविष्य में और ज़रुरत पड़ेगी तो आगे भी राशि दी जायेगी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की रामनगर सीट से विधायक शरद अवस्थी ने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए मास्क व सैनेटाइज़र खरीदने के लिए अपनी विधायक निधि से 30 लाख रुपये दिए हैं।
बाराबंकी की दरियाबाद सीट से विधायक सतीश चन्द्र शर्मा ने 15 लाख रुपये, एमएलसी राजेश यादव ने 10 लाख रुपये और कुर्सी विधायक साकेंद्र प्रताप ने अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया कि उनके राज्य का हर विधायक कोरोना से निबटने के लिए अपने बजट से 15 लाख रुपये देगा। कर्नाटक और पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना से जंग के लिए दो-दो सौ करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने की घोषणा करते हुए अपने राज्य के सभी विधायकों से ऐसा करने की अपील की है।
मध्य प्रदेश सरकार ने जबलपुर और भोपाल में उचित मूल्य की दुकानों से गरीब परिवारों को इस महीने का राशन मुफ्त देने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के 72 लाख लोगों को साढ़े सात किलो राशन मुफ्त देने का निर्देश दिया है।
इसके अलावा सरकार ने रैन बसेरों में रहने वालों के लिए रात के खाने की व्यवस्था की है।यहाँ पर कोई भी व्यक्ति जाकर मुफ्त खाना खा सकता है। दिल्ली सरकार से साढ़े आठ लाख गरीब लोगों को चार से पांच हज़ार रुपये पेंशन देने का एलान भी किया है।
दिल्ली सरकार ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि अनुबंध और दैनिक मजदूरी के आधार पर काम करने वाले सभी मजदूरों को बंद के दौरान भी पूरा वेतन दिया जाए।प्राइवेट संस्थान भी बंद के दौरान अपने किसी कर्मचारी का वेतन नहीं काट सकेंगे।