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मोहन भागवत के बयान के बाद क्यों हो रही नसबंदी की चर्चा

जुबिली न्यूज़ डेस्क

मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि को विकराल बताया था। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या वृद्धि रूप धारण कर चुकी है। इस मुद्दे पर संघ का रुख हमेशा दो बच्चों के कानून के पक्ष में रहा लेकिन इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।

दो बच्चे पैदा करने के कानून की मांग को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत पर हमला बोला है।

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि “मोहन भागवत जी दो बच्चा कानून चाहते हैं। शायद उन्हें पता नहीं है कि महाराष्ट्र में पहले से ही इस पर कई कानून हैं और कई अन्य राज्यों में भी हैं। अगर भागवत जी जबरदस्ती लोगों की नसबंदी कराना चाहते हैं तो मोदी जी को ऐसा कानून बनाने दें। हमने अतीत में देखा कि इसके साथ क्या हुआ।”

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दरअसल, संघ प्रमुख कई मौकों पर जनसंख्या वृद्धि और बच्चे पैदा करने की संख्या की बात करते रहे हैं। अपने चार दिवसीय दौरे पर मुरादाबाद पहुंचकर जिज्ञासा समाधान सत्र के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं से बात की थी।

जिसमे उन्होंने इशारा किया था कि दो बच्चों से जुड़ा कानून संघ का अगला अजेंडा हो सकता है। भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की पैरवी करते हुए कहा था कि संघ के एजेंडे में इस विषय को शामिल किया जा चुका है हालांकि इस पर फैसला केन्द्र सरकार को लेना है।

मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि को विकराल बताया था। उन्होंने कहा था कि जनसंख्या वृद्धि रूप धारण कर चुकी है। इस मुद्दे पर संघ का रुख हमेशा दो बच्चों के कानून के पक्ष में रहा लेकिन इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।

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उन्होंने कहा था कि सरकार को कोई ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिससे जनसंख्या नियंत्रण हो सके। भागवत ने कहा था कि अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनता है तो इससे देश विकास के रास्‍ते पर चलेगा।

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