जुबिली न्यूज डेस्क
अपने बयानों से सुर्खिया बटोरने वाले भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी एक बार फिर चर्चा में हैं। स्वामी अक्सर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते रहते हैं। वह मोदी सरकार के कामकाज पर खुलकर बोलते हैं।
इस बार स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें हिंदू विरोधी बताया है और साथ ही इसका उदाहरण भी दिए हैं।
भाजपा नेता ने आज यानी मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा है, ” पीएम के तौर पर मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड हिंदू विरोधी का रहा है जो भाजपा के घोषणापत्र में किए वादे पूरे नहीं कर रहे। उदाहरण-राम मंदिर में उच्चतम न्यायालय के फैसले में देरी कराना, राम सेतू को प्राचीन धरोहर का दर्जा न देना, उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों के अधिग्रहण और सन 1991 के उपासना स्थल अधिनियम को वापस लेने से इनकार करना।”
Modi’s track record as PM has been anti Hindu in not upholding BJP Manifesto promises.Examples:Trying to delay SC decision on Ram Mandir, declining ancient heritage status to Ram Setu, takeover of hoary temples of Uttarakhand, refusing to withdraw the 1991 Places of Worship Act.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 17, 2022
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बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भी भाजपा सांसद स्वामी ने मुसलमान पक्ष से अपेक्षा की है कि वे देश के कानून का सम्मान करें।
India was partitioned to accommodate Muslims League demand for a homeland. Muslims who stayed with India agreed to abide by the mutually accepted Indian Constitution. Hence whenever the law lays down Gyanvapi area must be restored to Hindus, we expect Muslims to respect that law
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 17, 2022
सांसद ने ट्वीट करते हुए लिखा है, “मुस्लिम लीग की ओर से मातृभूमि की मांग को पूरा करने के लिए भारत का विभाजन किया गया। जो मुस्लिम देश में रहे उन्होंने पारस्परिक रूप से भारतीय संविधान को स्वीकार करने पर सहमति जताई थी। इसलिए जब भी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कानून ये कहेगा कि ये क्षेत्र हिंदुओं को दे देना चाहिए, तो हमें उम्मीद है कि मुसलमान उस कानून का सम्मान करेंगे।”
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