न्यूज डेस्क
बुधवार शाम से अचानक लिट्टी-चोखा चर्चा में आ गया। वैसे लिट्टी-चोखा को बिहार का सिग्नेचर डिश का दर्जा हासिल है, लेकिन इसकी प्रसिद्धि और स्वार बिहार की सीमा पार कर देश के अधिकांश राज्यों तक पहुंच गयी है। लिट्टी-चोखा चर्चा में क्यों आया यह भी जान लीजिए। दरसअल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में हुनर हाट में लिट्टी-चोखा का स्वाद लिए। अब जाहिर है आम आदमी का भोजन लिट्टी-चोखा प्रधानमंत्री खायेंगे तो खास हो ही जायेगा, लेकिन यहां खास कुछ अलग मायनों में हुआ।
लिट्टी-चोखा के बारे में कहा जाता है कि विशुद्ध रूप से यह आम आदमी या ये भी कह सकते हैं कि गरीब आदमी का भोजन है। अब चूंकि इसे प्रधानमंत्री ने खाया है तो लिट्टी-चोखा खास हो गया या प्रधानमंत्री आम हो गए, यह आप सोचिए। वैसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर अपने भाषणों में खुद को फकीर ही कहते आए हैं तो जाहिर है लिट्टी-चोखा खास का मुकाम हासिल करने से रह गया।
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अब असल मुद्दे पर आते हैं। दरअसल राजनीति में नेता सांकेतिक संदेश देने में ज्यादा यकीन करते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्सर अपने पहनावे और भावभंगिमा से ऐसा संदेश देते रहते हैं। अब चूंकि बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है इसलिए मोदी के लिट्टी-चोखा खाने को लेकर राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
भाजपा के मनोज तिवारी, जो दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं, उनका लिट्टी-चोखा को लेकर एक गाना मशहूर है-ऐ इंटरनेशनल लिट्टी-चोखा जे खईलस ना पईलस धोखा…यूपी चाहे बिहार में। तो अब सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री बिहार में धोखा नहीं खाना चाहते? वह लिट्टी-चोखा खाकर बिहार की जनता को बताना चाहते हैं कि उन्हें उनका ख्याल है। वह भी आम आदमी हैं?
वरिष्ठ पत्रकार उत्कर्ष सिन्हा कहते हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हर कदम राजनीतिक होता है। उनके कपड़े से लेकर, बोलने, खाने-पीने सभी से कोई न कोई राजनीतिक संदेश देते हैं। अब चूंकि बिहार में चुनाव होना है, इसलिए उनके लिट्टी-चोखा पर विश्लेषण किया जा रहा है।
वो कहते हैं, लिट्टी-चोखा बिहार के आम आदमी का भोजन है। भले ही अब इसे पार्टियों के खास मेन्यू में जगह मिलने लगी है लेकिन बिहार में यह आज भी गरीबों का ही भोजना माना जाता है। जाहिर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे खाकर बिहार की जनता के साथ-साथ पूरे देश को एक संदेश दिया है।
मोदी की लिट्टी-चोखा खाते हुए तस्वीर वायरल हो रही है। बिहार के नेताओं ने इस पर खुशी जतायी है, लेकिन विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिट्टी-चोखा खाने के लिए धन्यवाद किया साथ ही उन पर तंज भी किया है।
राजद नेता ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘प्रसिद्ध और स्वादिष्ट बिहारी खाना पसंद करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद! क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नहीं पूछ सकते, इसलिए मैं आपका ध्यान बिहार की उन जायज मांगों की ओर ले जाना चाहता हूं, जो काफी लंबे समय से लंबित हैं। विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, बाढ़ राहत कोष और “आयुष्मान भारत” का फंड।’
तेजस्वी के इस ट्वीट पर कई यूजर्स की प्रतिक्रिया आई है। जहां कई यूजर्स ने लालू यादव के बहाने तेजस्वी पर कमेंट किया है तो वहीं कई ने मोदी पर कटाक्ष किया है। गिरीश पाल नाम के ट्विटर यूजर्स ने लिखा है-चुनावों के दौरान
-गुजरात में थेपला खाते हैं
-बंगाल में रोसोगुल्ला खाते हैं
-बिहार में लिट्टी-चोखा खाते हैं
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