जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को पीएम मोदी से मुलाकात की है। हालांकि सोनिया गांधी से ममता बनर्जी की मुलाकात नहीं हुई है।
सोनिया से नहीं मिलने पर ममता बनर्जी ने कहा है कि मैंने किसी से मिलने के लिए समय नहीं मांगा था, मैंने केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए समय मांगा था. पंजाब का चुनाव आने वाला है, ऐसे में वे व्यस्त होंगी, उन्हें काम करने दीजिए।
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इससे पूर्व सोमवार को दिल्ली पहुंची थी और तब कहा जा रहा था कि वो यहां पर कई नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी एकता को एक बार फिर मजबूत करेगी लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है।
ममता ने इस दौरान कहा है कि ह 30 नवंबर को मुंबई जा रही हैं और मुंबई में वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगी। सोनिया गांधी से नहीं मिलने पर कई तरह के कयास भी लगाये जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि बंगाल चुनाव के बाद से कांग्रेस के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए थे और ममता बनर्जी दूसरे राज्यों में अपनी पार्टी को मजबूत करने में जुट गई है। वहीं उन्होंने पीएम से मुलाकात कर प्राकृतिक आपदाओं पर मुआवजे और सीमा सुरक्षा बल को लेकर बातचीत की है।
इसलिए कांग्रेस और टीएमसी के संबंधों में पड़ गई थी दरार
पिछले काफी समय से पूरा विपक्षी दल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एक एंटी-बीजेपी मोर्चा बनाने की कवायद में जुटा हैं। बीते महीनों में कुछ बड़े नेताओं के बीच मुलाकातों का दौर भी चला था।
फिलहाल अभी तक सभी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई लेकिन अब लगता है भविष्य में बन भी नहीं पायेगी, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने एक बड़ा सियासी बम फोड़ दिया है।
कांग्रेस और टीएमसी के संबंधों में उस समय दरार आ गई थी जब तृणमूल ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी नहीं बल्कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा बनकर उभरी हैं।
टीएमसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का वैकल्पिक चेहरा बनने में राहुल गांधी विफल रहे हैं, इसलिए ममता को ही विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए।
हालांकि, बंगाल में कांग्रेस ने टीएमसी के दावे को ज्यादा महत्व देने से इनकार करते हुए कहा कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि पीएम मोदी का वैकल्पिक चेहरा कौन बनेगा।