जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को बांग्लादेश पहुंचे। एक ओर जहां उनका भव्य स्वागत हुआ तो वहीं दूसरी ओर उनका विरोध भी हुआ।
बांग्लादेश के चटगांव में पीएम मोदी की यात्रा का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस को रबर की गोलियां दागने पड़ीं, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई।
शुक्रवार को बांग्लादेश पहुंचे मोदी ढाका में बंगबंधु इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में बंगबंधु- बापू संग्रहालय के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।
बांग्लादेश के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक मोदी की यात्रा के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस स्टेशन में घुसकर तोडफ़ोड़ की। वहीं कई प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा का विरोध राजधानी ढाका में भी हुआ। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद ढाका के बैतुल मुकर्रम इलाके में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
बांग्लादेश मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के चटगांव में जुमे की नमाज के बाद हथाजरी मदरसे से विरोध मार्च निकला जिसके बाद हिंसक झड़प हुई।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प में दो पत्रकार सहित दर्जनों लोग घायल हो गए। हिफाजत-ए-इस्लाम संगठन के नेता मुजिबुर रहमान हामिदी ने पुष्टि की है कि उनके कुछ प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है।
उनका दावा है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। हालांकि, इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
बीते कुछ दिनों में बांग्लादेश में कई मुस्लिम नेता और वामपंथी संगठन भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे के विरोध में रैलियां निकाल रहे हैं। उनका दावा है कि ‘शेख मुजीबुर रहमान ने एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए संघर्ष किया जबकि मोदी सांप्रदायिक हैं।’
बांग्लादेश में आज मोदी ने कहा कि भारत बहुत खुश है कि मेड इन इंडिया (कोविड-19) टीके बांग्लादेश के हमारे भाइयों और बहनों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि, ‘हमें याद रखना चाहिए कि हमने व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में समान अवसर प्राप्त किए हैं, लेकिन साथ ही, हमारे सामने आतंकवाद जैसे खतरे भी हैं। इस प्रकार के अमानवीय कृत्यों के पीछे के विचार और शक्तियां अभी भी सक्रिय हैं। हमें उनका मुकाबला करने के लिए सतर्क और एकजुट रहना चाहिए।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं बांग्लादेश के भाइयों और बहनों को गर्व के साथ याद दिलाना चाहूंगा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन की पहली गतिविधियों में से एक था। जब मैं और मेरे साथियों ने बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था, तब मैं 20-22 साल का रहा होगा।’
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उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों के 50 साल पूरे होने पर, मैं बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को भारत आने और अपने स्टार्ट-अप और इनोवेशन इकोसिस्टम में शामिल होने और अपने उद्यम पूंजीपतियों से मिलने के लिए आमंत्रित करना चाहूंगा।
पीएम मोदी यहां पर बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50 वर्ष और संस्थापक शेख़ मुजीबुर रहमान की जन्मशती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने आए हैं।