जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. नरेन्द्र मोदी सरकार ने आज 18 अगस्त को पाम आयल मिशन को मंजूरी दे दी है. इस योजना को मंजूरी दिए जाने से खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ जायेगी. खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ने से इसके दामों में भी गिरावट आयेगी.
मोदी सरकार ने 11 हज़ार 40 करोड़ रुपये के पाम आयल मिशन को मंजूरी दी है. ऐसा करने से पाम आयल के आयात पर निर्भरता घटेगी. साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. इससे तेल उद्योग को भी लाभ होगा. पाम आयल से जुड़ी इंडस्ट्री लगाने वाले को सरकार पांच करोड़ रुपये की सहायता भी करेगी.
पाम आयल ताड़ के बीज से निकाला जाता है. सरकार किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ तकनीकी क्षेत्र में भी मदद करेगी. कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार ने तय किया है कि पाम आयल के कच्चे माल का दाम सरकार तय करेगी. बाज़ार में उतार-चढ़ाव आने की दशा में किसान का नुक्सान नहीं होने दिया जाएगा. नुकसान के अंतर की राशि का भुगतान सरकार करेगी.
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भारत में साल भर में 2.4 करोड़ टन खाद्य तेल का उत्पादन होता है, जबकि भारत में मांग इससे कहीं ज्यादा है. इस मांग को पूरा करने के लिए भारत मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्राजील, यूक्रेन और अर्जेंटीना से तेल आयात करता है. भारत में पाम आयल का उत्पादन बढ़ेगा तो आयात घटेगा. उपलब्धता भी बढ़ेगी तो दामों पर भी अंकुश लगेगा.