Wednesday - 30 October 2024 - 10:56 AM

इन सरकारी कंपनियों को बंद करने जा रही मोदी सरकार

न्यूज़ डेस्क

घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों के खिलाफ मोदी सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने तीन दवा कंपनियों के कर्मचारियों की देनदारी निपटाने के लिए 330.35 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता देने का निर्णय लिया है। साथ ही चार सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री या बंद करने पर फैसला करने के लिए मंत्री स्तरीय समिति बनाने की घोषणा की।

जानकारी के अनुसार जिन तीन कंपनियों को पीएम ने बजटीय सहायता देने की बात कही है। उनमे हिन्‍दुस्‍तान एंटीबायटिक्‍स लिमिटेड (HAL), इंडियन ड्रग्‍स एंड फार्मास्‍यूटिकल्‍स लिमिटेड (IDPL) और राजस्‍थान ड्रग्‍स एंड फार्मास्‍यूटिकल्‍स (RDPL) शामिल है।

ये कंपनियां होंगी बंद

बता दें कि पिछले महीने मोदी सरकार ने घाटे में चल रही कई बड़ी कंपनियों को बंद करने का आदेश दिया था। इन कंपनियों में तुंगभद्रा स्‍टील प्रोडक्‍ट्स लिमिटेड, HMT वॉचेज लिमिटेड, HMT चिनार वॉचेज लिमिटेड, HMT बियरिंग्‍स लिमिटेड, हिंदुस्‍तान केबल्‍स लिमिटेड, HMT लिमिटेड की ट्रैक्‍टर यूनिट और इंस्‍ट्रूमेंटेशन लिमिटेड की कोटा यूनिट, केंद्रीय अंतर्देशीय जल परिवहन निगम लिमिटेड, इंडियन ड्रग्‍स और राजस्‍थान ड्रग्‍स एंड फार्मास्‍युटिकल्‍स लिमिटेड, IOCL-क्रेडा बायोफ्यूल्स लिमिटेड, क्रेडा HPCL बायोफ्यूल्स लिमिटेड है।

इसके अलावा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह वन और वृक्षारोपण विकास निगम लिमिटेड, भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड, सीएनए/एन2 ओ 4 प्लांट को छोड़कर हिंदुस्तान ऑर्गेनिक केमिकल्स लिमिटेड की रसायनी ईकाई में सभी संयंत्रों के संचालन को बंद करना, नेशनल जूट मैन्युफैक्चरर्स कॉर्पो सहित कई कंपनियों को बंद करने का फैसला किया है।

कर्मचारियों को बकाया वेतन दिया जाएगा

वहीं, जिन कंपनियों को पीएम ने 330.35 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी है, उससे उन कंपनियों के कर्मचारियों को बकाया वेतन देने और VRS समर्थन देने में सहायता मिलेगी। इस फैसले से सार्वजनिक कंपनियों के एक हजार से ज्‍यादा कर्मचारियों की परेशानियां कम होंगी। दी गयी सहायता राशि में से 158.35 करोड़ रुपये कर्मचारियों के बकाये वेतन पर खर्च होंगे जबकि 172 करोड़ रुपये VRS देनदारी के मदद के लिए काम आएंगे।

साथ ही मंत्रियों की समिति के गठन से कई फैसले लेने में तेजी आ सकती है। इसमें आईडीपीएल और आरडीपीएल को बंद करने और एचएएल और बंगाल केमिकल एंड फार्मास्‍यूटिकल्‍स लिमिटेड (BCPL) की रणनीतिक बिक्री के लिए 28 दिसंबर 2016 को किए गए मंत्रिमंडल के फैसले को जल्द ही लागू किया जा सकेगा।

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