जुबिली न्यूज डेस्क
मोदी सरकार कुछ सामान और सेवाओं पर टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रही है। ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस कदम पर ज्यादा सरल टैक्स रेट स्ट्रक्चर करने के मकसद के साथ विचार किया जा रहा है।
केंद्र सरकार जीएसटी दरों को बढ़ाने की इस योजना पर ऐसे समय पर कर रही है, जब अगले साल की शुरुआत में देश के बड़े राज्यों में चुनाव होने वाले हैं।
क्या है जीएसटी की वर्तमान दरें
दिसंबर में जीएसटी पर पैनल की बैठक होने की उम्मीद है। इस पैनल की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं। इसमें वर्तमान के चार रेट वाले सिस्टम से बदलाव किया जा सकता है।
ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाता है। इसमें कुछ जरूरी सामान जैसे खाने की चीजों पर सबसे कम दर और लग्जरी सामान पर सबसे ज्यादा रेट से टैक्स लगता है। अगली बार सबसे कम दो रेट में बढ़ोतरी की जा सकती है।
तो आम आदमी ही पिसेगा
रिपोर्ट के अनुसार सबसे कम दो दरों में से एक 5 फीसद को बढ़ाकर 6 फीसद और 12 को 13 फीसदी किया जा सकता है। इन दो दरों से सबसे अधिक प्रभावित आम आदमी ही होता है।
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इस चरणबद्ध योजना के तहत कर दरों को चार से घटाकर तीन पर लाया जाएगा। राज्य के वित्त मंत्री अगले महीने के आखिर तक इस मामले में अपने प्रस्तावों को रख सकती हैं।
ब्लूमबर्ग ने वित्त मंत्रालय को इस पर प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया, लेकिन वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।
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मालूम हो कि जुलाई 2017 से मोदी सरकार ने जीएसटी लागू किया था। जीएसटी की एक देश, एक टैक्स व्यवस्था के तहत आपको एक ही टैक्स देना होता है। जीएसटी की विशेषता यही है कि किसी भी सामान या सर्विस पर इस टैक्स की दर पूरे देश में एक जैसी होती है। यानी देश के किसी हिस्से में मौजूद कस्टमर या कंज्यूमर को उस वस्तु या सेवा पर एक जैसा ही टैक्स देना होता है। जीएसटी को 3 प्रकार में बांटा गया है— सेंट्रल जीएसटी (CGST), स्टेट जीएसटी (SGST) और इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST)।