न्यूज़ डेस्क।
मोदी सरकार चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बॉन्ड बेचकर विदेशों से धन जुटाने की योजना बना रही है। यह बात वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कही।
गर्ग ने बताया कि हमारा लक्ष्य दूसरी छमाही होगी। मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति समेत परिमाण, समय और संख्या के साथ बाजार के संबंध में फैसला अगले महीने लिया जा सकता है।
गर्ग ने कहा कि नीतिगत घोषणा हो गई है कि भारत सॉवरेन बॉन्ड जारी करेगा और इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार की दूसरी तिमाही के उधारी कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के बाद इसकी शुरुआत की जाएगी। वित्त सचिव ने कहा कि 2013 में अगर ऐसे बॉन्ड पर विचार किया गया होता तो उस समय यह उचित समय नहीं होता, क्योंकि विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो रहा था।
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गर्ग ने कहा कि 2013 में विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो रहा था। उस तरह के हालात का सामना सॉवरेन बॉन्ड से नहीं किया जा सकता है। सॉवरेन बॉन्ड के बारे में विचार करने के लिए वह सबसे अनुचित समय था, जब रुपये में भरोसे का संकट पैदा हो गया था।
2013 में विदेशों से पूंजी जुटाने के लिए सॉवरेन बॉन्ड जारी करने पर संकट से जूझ रही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार विचार कर रही थी, जिसे आखिरकार अनिवासी भारतीय (एनआरआई) जमा योजना को तवज्जो देते हुए छोड़ दिया गया।
गर्ग ने कहा कि आज हम काफी स्थिरता की स्थिति में हैं। रुपया स्थिर है, विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर नई रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर जा रहा है। पिछले साल जो कमी आई वह पूरी हो गई है। आरबीआई द्वारा खोले गए स्वैप विडो की भारी मांग है, जिसके तहत लाखों डॉलर प्राप्त हुए हैं।
गौरतलब है कि बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए विदेश से कर्ज और अन्य तरीके से धन जुटाने की बात कही है। अब खबर मिली है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसके लिए पहला सॉवरेन बॉन्ड जारी किया जाएगा।