जुबिली स्पेशल डेस्क
गुजरात में उपचुनाव की वजह से सियासी पारा बढ़ा हुआ है। इस बीच एक बार फिर गुजरात दंगों का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है। साल 2002 में हुए गुजरात दंगों को लेकर तमाम तरह के खुलासे देखने को मिल रहे हैं।
हालांकि इस मामले को भले ही काफी समय हो चुका हो लेकिन आज भी जब भी इसकी चर्चा होती है तो कई सवाल सामने आ जाते हैं।
साल 2002 में हुए गुजरात दंगो को लेकर एक बार फिर कुछ बाते सामने आ रही है। दरअसल इसकी जांच करने के लिए उस समय बनायी गई एसआईटी प्रमुख आरके राघवन की एक किताब सामने आई है।
जिसमें कई बातों का खुलासा हुआ है। आरके राघवन ने अपनी आत्मकथा ‘ए रोड वेल ट्रैवल्ड’ पुस्तक में उस समय के सीएम मोदी को लेकर अहम जानकारी दी है।
किताब में लिखा गया है कि मोदी से तकरीबन 9 घंटे से भी ज्यादा समय तक पूछताछ चली थी। पूछताछ के दौरान मोदी ने एक कप चाय भी पीने से मना कर दिया था।
उन्होंने अपनी किताब में बताया है कि नरेंद्र मोदी उस समय काफी शांत थे और बड़े संयम से सवालों का जवाब दिया था।
सवाल जवाब का ये सिलसिला करीब नौ घंटे चला था और करीब 100 सवाल मोदी से पूछा गया था।
मोदी को चाय और लंच के लिए भी पूछा गया था लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं लिया था। मोदी अपने साथ पानी लेकर आए था और उसे ही पी रहे थे। राघवन ने कहा कि गांधीनगर में सरकारी परिसर के अंदर एसआईटी कार्यालय में नरेन्द्र मोदी से पूछताछ हुई।
सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर आरके राघवन ने अपनी आत्मकथा में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि 2002 गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के निष्कर्ष को लेकर पीएम के विरोधियों ने उन्हें प्रताड़ित किया। राघवन के आरोपों के बाद एक बार फिर गुजरात दंगों को लेकर सियासत तेज हो सकती है।
‘ए रोड वेल ट्रैवल्ड’ नाम से लिखी आत्मकथा में राघवन ने लिखा है, ”उन्होंने मेरे खिलाफ याचिकाएं लगाईं, सीएम के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया, केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए फोन पर मेरी बातचीत की निगरानी की, वे कोई दोष नहीं पाए जाने को लेकर निराश थे।
यह भी पढ़ें : मायावती को क्यों फायदा दिला रही है बीजेपी
यह भी पढ़ें : अब छोटे कारोबारी SMS के जरिए भर सकेंगे GST रिटर्न
यह भी पढ़ें : दाढ़ी के शौकीन पुलिसकर्मियों के लिए अब नए नियम जारी
यह भी पढ़ें : रूसी कोरोना वैक्सीन को लेकर क्या है अच्छी खबर ?