न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव 2019 में सबसे ज्यादा चर्चा चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की है। पीएम मोदी को अब तक चुनाव आयोग ने तीन बार क्लीन चिट दी है, लेकिन मोदी को दो मामलों में क्लीन चिट देने वाला चुनाव आयोग इस मामले में एकमत नहीं था। एक रिपोर्ट के अनुसार मोदी को क्लीन चिट दिए जाने का फैसला सर्वसम्मति से नहीं लिया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक मोदी को क्लीन चिट देने का फैसला 2-1 के बहुमत से लिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के अलावा दो अन्य चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा ने इस बारे में वोटिंग की थी। खबर के मुताबिक इनमें से एक आयुक्त प्रधानमंत्री के पक्ष में नहीं थे।
संभव हो चुनाव आयोग का कामकाज सबकी सहमति से चले
रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग अधिनियम, 1991 की धारा-10 में कहा गया है कि ‘जहां तक संभव हो चुनाव आयोग का कामकाज सबकी सहमति से चलना चाहिए’। यह प्रावधान यह भी कहता है कि अगर किसी मामले में ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों में मतभेद हो तो ऐसे मामले में बहुमत के आधार पर फैसला लिया जाना चाहिए’। हालांकि इस कानून के लागू होने के बाद ऐसे फैसले (जैसे नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट) बहुत कम लिए गए हैं।
किन मामलों में चुनाव आयोग ने दी क्लीन चिट
चुनाव आयोग ने जिन दो बयानों पर मोदी को क्लीन चिट दी, उनमें से एक उन्होंने एक अप्रैल को वर्धा में दिया था। इसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष बहुसंख्यकों वाले चुनावी क्षेत्रों से भाग रहे हैं और उन इलाकों (वायनाड) में चुनाव लड़ रहे हैं जहां अल्पसंख्यक बहुसंख्या में हैं। आयोग को मोदी के इस बयान में जिन प्रतिनिधि कानून की संबंधित धाराओं का उल्लंघन नहीं दिखा था।
दूसरा मामला लातूर का है। लातूर में पीएम मोदी ने कहा था कि देश के नए मतदाता वोट देते समय पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों और बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाले वीर पायलटों को ध्यान में रखें। चुनाव आयोग ने इस बयान को भी क्लीन चिट दे दी। हालांकि यह स्पष्ट रूप से आयोग के उस निर्देश का उल्लंघन था जिसमें उसने सेना और सैनिकों के चुनावी इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। वहीं, उस्मानाबाद जिले के चुनाव अधिकारी ने भी अपनी जांच में इस बयान को ‘अनुचित’ पाया था।
मोदी को तीसरी बार चुनाव आयोग की क्लीन चिट
चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर क्लीन चिट दे दी है। आयोग ने तीसरी बार पीएम मोदी को क्लीनचिट दी गई है। मोदी ने राजस्थान के बाड़मेर में परमाणु बम को लेकर बयान दिया था, जिस पर कांग्रेस को आपत्ति थी। इलेक्शन कमीशन को इसमें आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं लगा।