जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ / मथुरा. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में लूट की एक ऐसी वारदात हुई है जिसने मथुरा से लेकर लखनऊ तक की क़ानून व्यवस्था को चुनौती दे दी है. जानकारी मिली है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जा रहे एक ट्रक को बदमाशों ने सवारी के रूप में सड़क किनारे खड़े होकर हाथ दिया. कुछ पैसों के लालच में ड्राइवर ने उन सवारियों को ट्रक में सवार कर लिया. बदमाशों ने ड्राइवर को बंधक बनाकर उसकी ज़बरदस्त पिटाई की और उसे रास्ते में फेंक दिया. ट्रक में रखे करीब सात करोड़ रुपये के मोबाइल फोन लेकर बदमाश फरार हो गए.
घायल ड्राइवर किसी तरह से लिफ्ट मांगता हुआ पुलिस के पास तक पहुँच गया लेकिन मथुरा पुलिस ने तत्काल एक्शन लेने के बजाय इतनी बड़ी लूट की घटना को सीमा विवाद में फंसा दिया. मथुरा पुलिस ने यह कहकर कुछ भी करने से मना कर दिया कि यह मामला मध्य प्रदेश सीमा का है. जबकि ड्राइवर ने बताया कि झांसी में बबीना टोल पार करने के फ़ौरन बाद बदमाशों ने लूट की यह वारदात अंजाम दी थी. बदमाशों ने क्योंकि ड्राइवर मुनीश को मध्य प्रदेश के श्योपुर में फेंका था इस वजह से मथुरा पुलिस ने अपने इलाके का मामला नहीं माना.
एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कि ट्रक में ओप्पो कंपनी के मोबाइल लदे थे. ओप्पो के अधिकारी ने मुकदमा दर्ज करा दिया है. पुलिस को जानकारी दी गई है कि मोबाइल फोन से भरा ट्रक पांच अक्टूबर की सुबह ग्रेटर नोयडा से बेंगलुरु के लिए रवाना हुआ था.
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आश्चर्यजनक पहलू यह है कि ओप्पो के अधिकारी ने पहले मध्यप्रदेश के श्योपुर में ही मुकदमा दर्ज करने के लिए एप्लीकेशन दी थी लेकिन वहां कहा गया कि क्योंकि बदमाश मथुरा में ट्रक पर सवार हुए थे इसलिए रिपोर्ट भी मथुरा पुलिस ही दर्ज करेगी. लूट का यह मुकदमा अपर पुलिस महानिदेशक के हस्तक्षेप के बाद दर्ज किया गया. बदमाश मोबाइल लूटने के बाद ट्रक को श्योपुर में ही छोड़कर फरार हो गए.