न्यूज़ डेस्क
मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही डिजिटल इंडिया बनाने में लगी हुई है। लेकिन वो भारत में मोबाइल इंटरनेट की स्पीड नहीं दे पा रही है। मोबाइल इन्टरनेट स्पीड में काफी गिरावट दर्ज की गई है। मोबाइल स्पीड मेजर करने वाली एजेंसी ookla के मुताबिक, मई के महीने में मोबाइल इंटरनेट की स्पीड के मामले में भारत 121वीं पायदान पर पहुंच गया है। इसके अलावा फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के मामले में भारत की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत ने अपनी 68वीं रैंक बरकरार रखी है।
हुई भारी गिरावट
Ookla ने कुछ दिन पहले Speedtest Global Index जारी किया है। इस इंडेक्स में निकल कर ये बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मोबाइल ब्रॉडबैंड की एवरेज डाउनलोड स्पीड 10.71 Mbps दर्ज की गई है। 2018 की शुरुआत में जारी डाटा के मुताबिक, फिक्स्ड ब्रॉडबैंड में भारत 67वीं पायदान पर था जबकि मोबाइल ब्रॉडबैंड में भारत की रैंकिंग 109वीं थी। भारत ने 29.5 Mbps की एवरेज डाउनलोड स्पीड के साथ फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में अपनी रैंकिंग बरकरार रखी है।
नार्वे और सिंगापुर रहे पहले पायदान पर
वहीं, मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में 65.41 Mbps की एवरेज स्पीड के साथ नार्वे पहले पायदान पर रहा है। जबकि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के मामले में 197.50 Mbps की एवरेज स्पीड के साथ सिंगापुर को पहला स्थान मिला है।
इन वजहों से इंडिया में स्लो है इंटरनेट
Ookla के को-फाउंडर के अनुसार भारत जैसे देश में इंटरनेट स्पीड कम होने के पीछे यहां की जियोग्राफिकल साइज के साथ-साथ जनसंख्या भी अहम रोल है। जनसंख्या घनत्व ज्यादा होना इंटरनेट कंजेशन का एक प्रमुख फैक्टर है जो इसकी स्पीड को स्लो कर देती है। Ookla ने भारत के 40 मिलियन एक्टिव यूजर्स के साथ ही एक दिन में आठ लाख टेस्ट करने के बाद यह डाटा जारी किया है।