न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा में पास होने के बाद आज इस विधेयक को ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज इस बिल को पेश करेंगे और दोपहर 12 बजे से बिल पर चर्चा शुरू होगी। विपक्ष इस बिल का लगातार विरोध कर रहा है और संविधान विरोधी बता रहा है। इस बिल के खिलाफ असम, त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है।
हमेशा शांत रहने वाला राज्य त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह ही पूरे त्रिपुरा में भी मंगलवार को विरोध प्रदर्शन हुआ। लगातार चल रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर मंगलवार दोपहर दो बजे से 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। आधिकारिक अधिसूचना में यह बात कही गई है।
ख़बरें ये भी आईं कि त्रिपुरा में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री बिप्लब देव के लिए भी नारेबाज़ी की। उन्हें बांग्लादेशी बताते हुए ‘वापस जाओ, वापस जाओ’ के नारे लगाए गए।
अधिसूचना में कहा गया है कि सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं को एसएमएस संदेशों पर भी पाबंदी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम अफवाह फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है। राज्य के गृह विभाग की इस अधिसूचना पर त्रिपुरा सरकार के अतिरिक्त सचिव एके भट्टाचार्य के हस्ताक्षर हैं।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘प्रेस संदेशों पर भी रोक रहेगी। इस उद्घोषणा का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 के संबंधित प्रावधानों, दूरसंचार सेवाओं के अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकालीन या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के तहत दंडनीय होगा।’
आदेश में कहा गया है कि भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 (2) के प्रावधानों के तहत जारी की गई अधिसूचना 10 दिसंबर 2019 को दो बजे से पूरे त्रिपुरा में अगले 48 घंटों के लिए सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं के एसएमएस संदेशों और मोबाइल इंटरनेट/डेटा सेवाओं रोक लगाती है।
Government of Tripura suspends mobile internet and SMS services in the state for 48 hours after state police found that rumors being mongered about ethnic clashes between tribals and non-tribals in Manu Kanchanpur areas.
— ANI (@ANI) December 10, 2019
आदेश के अनुसार ‘त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक ने बताया है कि मनु और कंचनपुर क्षेत्रों में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच जातीय संघर्ष को लेकर अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। इसने पूरे इलाके में हिंसक स्थिति पैदा कर दी है।’
Currently law and orders are not in control in #Tripura pic.twitter.com/LAMvg0Tlo5
— sandip debnath (@sandipd19832469) December 10, 2019
आदेश में कहा गया है, ‘इस तरह की घटनाओं ने पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर स्थिति पैदा कर दी है जिससे सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा होने की आशंका है। लिहाजा पूरे राज्य की शांति-व्यवस्था को भंग होने से बचाने, उपर्युक्त मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए अपर सचिव को अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया गया है।’
गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने के विरोध में एनईएसओ द्वारा बुलाए गए बंद में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को त्रिपुरा के धलाई जिले के एक बाजार में आग लगा दी। इस बाजार में ज्यादातर दुकानों के मालिक गैर-आदिवासी हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना से गैर-आदिवासी लोगों के मन में भय है, जो ज्यादातर दुकानों के मालिक हैं। उन्होंने बताया कि बंद को त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों में भारी समर्थन मिला है।