जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र को लेकर राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमाने लगा है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच सत्ता पक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी अपनी- अपनी तरफ से सदन के माध्यम से लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। सत्ता पक्ष की योजना हर हाल में अपनी बात सदन में रखने की है। मुद्दों पर आधारित चर्चा में दमदार तरीके से चीजों को पेश करने की तैयारी है।
वहीं, मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरने की हर रणनीति तैयार कर ली है। इन सबके बीच सत्र के हंगामेदार होने की आशंका जताई जा रही है। इन सबके बीच सदन में कई सदस्यों की उपस्थिति तो दिखती है, लेकिन वे पूरी तरह से कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाते हैं। इसका बड़ा कारण उनका मोबाइल में लगे रहना है। जनप्रतिनिधियों को सदन में जनहित के मु्द्दों पर चर्चा के लिए मोबाइल पर बैन लगाया गया है। इसके अलावा कई अन्य नियम भी लागू किए गए हैं।
यूपी विधानसभा में 66 साल बाद नए नियम
नए नियमों से चलेगी विधानसभा
नए नियमों से विधानसभा को चलाने में मदद मिलेगी। विंटर सेशन के दौरान कई अहम बिल पास किए जाने की तैयारी है। मंगलवार से शुरू होने वाला शीतकालीन सत्र एक दिसंबर तक चलेगा। चार दिनों के सत्र को लेकर विपक्ष ने नाराजगी जताई है। सदन के सत्र को बढ़ाने की मांग की जा रही है। मंगलवार को दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कार्यवाही को स्थगित कर दी जाएगी।
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यूपी विधानसभा में बुधवार से औपचारिक तौर पर कामकाज शुरू होगा। पहले दिन सदन में इस सत्र में पास कराए जाने वाले अध्यादेश, अधिसूचना और नियमों को पटल पर रखा जाएगा। बुधवार दोपहर 12:30 बजे के बाद वित्तीय वर्ष 2023- 24 के सप्लीमेंट्री ग्रांट की डिमांड पेश की जाएगी। इसके बाद विधायी कार्यों को पूरा कराया जाएगी। 30 नवंबर को सप्लीमेंट्री ग्रांट डिमांड रखी जाएगी। विधायकों की मांग पर विचार के बाद वोटिंग होगी। इसके बाद बचे समय में विधायी कार्य निपटाए जाएंगे।