न्यूज डेस्क
देश में लगातार हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बीच मुसलमानों को हथियार खरीदने और उसको चलाने की ट्रेनिंग लेने की सलाह देने वाले मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने अब यू टर्न ले लिया है।
कल्बे जव्वाद की ओर से जारी की गई सफाई में कहा गया कि असलहा रखने या लाइसेंस बनवाने की ट्रेनिंग देने की खबरें गलत है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई कार्यक्रम लखनऊ के इमामबाड़ा परिसर में नहीं होगा।
मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने कहा, ‘यह कार्यक्रम अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा का है।
मैंने पराचा से बयान को वापस लेने के लिए कहा है और सरकार को समय देने के लिए कहा है। सरकार ने मॉब लिंचिंग पर कार्रवाई करने और सख्त बनाने के लिए कह रही है तो हमें विश्वास करना चाहिए।’
कल्बे जव्वाद ने कहा, ‘भारत में मुसलमान सबसे अधिक सुरक्षित हैं और अब मुसलमानों को शिक्षा, रोजगार और आधुनिकरण पर काम करना चाहिए। मॉब लिंचिंग की घटनाएं हर सरकार में हुई हैं।
चाहे सपा हो या कांग्रेस, लेकिन किसी ने कानून बनाने की बात नहीं की। ऐसे में जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सख्त कानून बनाने की बात कर रहे हैं तो हमें विश्वास रखना चाहिए।’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा ने लखनऊ में कल्बे जव्वाद से मुलाकात के बाद कहा था कि आगामी 26 तारीख को मॉब लिंचिंग से बचने के लिए कैंप लगाया जाएगा, हथियार के लिए कैसे अप्लाई किया जाए कैंप में इसकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके बाद काफी विवाद हो गया था।
महमूद पराचा की बात पर असहमति जताते हुए मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा था कि हम पहले सरकार से मॉब लिंचिंग पर कानून बनने की मांग करते हैं, अगर सरकार कानून बनाने में असफल होती है, तब इस तरीके के कैंप का आयोजन किया जाए और सभी धर्मगुरुओं को एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आया जाए।
कल्बे जव्वाद ने यह भी कहा था कि 26 तारीख को जो कैंप लगेगा उसमें सिर्फ और सिर्फ इस बात की जानकारी दी जाएगी कि सरकार से असलाह कैसे लें, इसके लिए कैसे अप्लाई करें। इसमें कोई हथियार की ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी और ना ही किसी प्रकार के हथियार के बारे में बताया जाएगा। हालांकि, अब कल्बे जव्वाद अपने बयान से पलट गए हैं।