न्यूज डेस्क
कहते हैं कि भीड़ की कोई शक्ल नहीं होती। उनका कोई दीन-धर्म नहीं होता और इसी बात का फायदा हमेशा मॉब लिंचिंग करने वाली भीड़ उठाती है। इस दौरान मन में यह सवाल उठता है कि इस भीड़ को इकट्ठा कौन करता है? उन्हें उकसाता-भड़काता कौन है?
डर इस बात का है कि अगर कानून हर हाथ का खिलौना हो जाएगा तो फिर पुलिस, अदालत और इंसाफ सिर्फ शब्द बन कर रह जाएंगे। इस बात को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश कई दिग्गज नेता अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं और लगातार मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इस बीच मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को लेकर फिल्म जगत की 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। लेटर में देश में भीड़ द्वारा लिंचिंग के बढ़ते चलन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में मणिरत्नम, अदूर गोपालकृष्णन, रामचंद्र गुहा, अनुराग कश्यप जैसी हस्तियों के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने पीएम मोदी से एक ऐसा माहौल बनाने की मांग की है, जहां असंतोष को कुचला नहीं जाए और देश एक मजबूत राष्ट्र बने।
पत्र में आगे कहा गया कि अफसोस है कि जय श्री राम आज एक भड़काऊ युद्ध बन गया है, राम बहुसंख्यक समुदाय के लिए पवित्र हैं, राम का नाम लेना बंद कर दें। अत्याचार की 840 घटनाएं दलित के खिलाफ हुईं। प्रिय प्रधानमंत्री, क्या कार्रवाई की गई है?