जुबिली न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर सियासी घमासान चरम पर पहुंच गया है। इसी बीच कुछ ऐसा हुआ है जिससे दलबदलू विधायकों को झटका लग सकता है।
दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से दाखिल उस याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है जिसमें कहा गया है कि 25 विधायकों के दल बदलने के कारण मध्य प्रदेश में उपचुनाव की स्थिति बनी है इसलिए चुनाव पर जितना भी सरकारी खर्चा हो, उसकी वसूली दलबदलू विधायकों से की जाए।
भोपाल के कांग्रेस पार्षद गुड्डू चौहान ने बताया कि पार्टी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। हमने कहा है कि कांग्रेस विधायक 35-35 करोड़ रुपए लेकर भाजपा में शामिल हुए हैं। इसके कारण सरकार गिर गई। उनके इस्तीफा देने के कारण दोबारा से चुनाव हो रहा हैं।
हमारी हाई कोर्ट से मांग थी कि प्रत्येक विधानसभा में आने वाले लगभग एक करोड़ खर्च का भुगतान इन विधायकों से लिया जाए। क्योंकि यह विधायक थे, तो इस्तीफा क्यों दिया। इस्तीफा दे दिया, तो फिर क्यों अब विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस की याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में उप चुनावों में भाजपा प्रत्याशी और मंत्रियों के खिलाफ कांग्रेस चुनाव आयोग में शिकायत कर चुका है। उसने अनूपपुर से भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह को पद से हटाए जाने के साथ ही सुरखी, ग्वालियर, डबरा और सांची में अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है।
इस संबंध में कांग्रेस ने पांच पत्र चुनाव आयोग को लिखे हैं। इसमें उन्होंने भाजपा और उनके उम्मीदवारों पर सरकारी मिशनरी का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस ने भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत करके सरकार में शामिल 14 मंत्रियों को हटाने की मांग की है। कांग्रेस ने जिन मंत्रियों को पद से हटाने की मांग की है उसमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, बिसाहू लाल सिंह, ऐंदल सिंह कंषाना, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोदिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया शामिल हैं।
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