स्पेशल डेस्क
चीन से निकला कोरोना वायरस एकाएक पूरे विश्व के लिए घातक बन गया है। चीन के बाद यूरोपीय देशों में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस का कहर टूटा है। इटली व स्पेन जैसे यूरोपीय देशों ने कोरोना को लेकर कोई ठोस कदम शुरुआती दिनों में नहीं उठाये थे और इस वायरस को हल्के में लिया लेकिन बाद में यही चीज इटली व स्पेन जैसे देशों पर भारी पड़ी है। इटली में अब तक कुल 53,778 लोग इससे संक्रमित बताये जा रहे हैं जबकि 4825 लोगों की मरने की खबर है।
- शनिवार 22 मार्च को यहां पर 793 नए मामले सामने आए हैं
- इस वायरस की चपेट में आने के बाद ये पहला ऐसा दिन था जब एक ही दिन में इतने मामले सामने आए हैं
- दुनियाभर में जितने मामले इस दौरान बढ़े हैं उनमें से करीब 38 फीसद मामले अकेले इटली से सामने आए हैं
इटली से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर वहां की सरकार व प्रशासन की लापरवाही की बात सामने आ रही है। इतना ही नहीं कोरोना वायरस संक्रमण को कम आंकना भी इटली पर भारी पड़ा है।
इटली में कोरोना वायरस का मामला सबसे पहले जनवरी में देखने को मिला था। बताया जाता है कि दो चीनी पर्यटकों में कोरोना वायरस मिले थे लेकिन प्रशासन उसपर उतना सख्त नजर नहीं आया है और केवल उन्हें जांच के लिए भेज दिया।
कहा जाता है कि यही से जनवरी के मध्य में इटली में फैले वायरस का केंद्र लोबार्डी शहर से पूरे देश में फैलना शुरू हो गया। कहा तो यह भी जा रहा है कि शुरुआती दिनों में कोरोना संक्रमित बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ रहा था। इस वजह से यूरोपीय देशों में तेजी से इसका प्रकोप बढऩे लगा।
शुरुआती दिनों में इसे वहां के डॉक्टरों ने इसे निमोनिया समझा जो इन देशों की सबसे बड़ी भूल थी। इसी दौरान 18 फरवरी को एक स्थानीय नागरिक लगातार दो दिनों से बुखार था और दवा से कम नहीं हुआ। इसके बाद 23 फरवरी को दो लोग मर गए और फिर यहीं से कोरोना वायरस ने पूरे इटली में तबाही मचा डाली।