हर घर नल से जल पहुँचाने के संकल्प के प्रधानमंत्री ने दो साल पहले जल जीवन मिशन की घोषणा की थी और उसके लिए बड़े बजट का निर्धारण भी किया जा चुका है, लेकिन इस मिशन के जरिए कहीं पानी के निजीकरण का रास्ता तो नहीं खुलेगा? क्या समुदाय का नियंत्रण पानी पर होगा? या फिर पानी भी कारपोरेट के हाथों में चला जाएगा ? नल लगेंगे मगर उसमे पानी आएगा कहाँ से ? महिलाओं के लिए कितना बेहतर है ये मिशन ? इन सारे सवालों की पड़ताल करता हुआ जल संवाद जिसमे डॉ उत्कर्ष सिन्हा के साथ बात कर रहे हैं जल जन जोड़ों अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह नीति विशेषज्ञ डॉ. इंदिरा खुराना बुंदेलखंड की जल सहेली रानीऔर डाउन टू अर्थ पत्रिका के संपादक रिचर्ड महापात्र देखिए JUBILEE POST