जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय वेटलिफ्टर मीरा बाई चानू ने टोक्यो ओलम्पिक में बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए शनिवार को 49 किग्रा वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।
इसके साथ भारतीय वेटलिफ्टिंग इतिहास में ओलंपिक में भारत का दूसरा पदक है। इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक (2000) में भारत को पदक दिलाया था।
टोक्यो ओलम्पिक में शानिवार का दिन भारत के लिए बेहद खास साबित हुआ है। भारतीय वेटलिफ्टर मीरा बाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय उम्मीदों को नई ऊंचाई देते हुए नया इतिहास रच डाला है।
कौन है मीराबाई चानू
मीराबाई चानू मणिपुर की राजधानी इम्फाल की रहने वाली है। 8 अगस्त 1994 को जन्मी मीराबाई चानू ने शुरुआती दिनों में तीरंदाजी में अपना हुनर दिखा रही थी।
हालांकि बचपन का शौक करियर में नहीं बदल सका और आठवीं क्लास में जब वो पढ़ रही थी तब उन्होंने तीरंदाजी से किनारा कर वेटलिफ्टिंग में अपना दम-खम दिखाना शुरू कर दिया है।
उन्होंने फिर इसी में आगे बढऩे का फैसला किया। कहा जाता है कि वेटलिफ्टर कुंजरानी उनके लिए प्रेरणा साबित हुई और फिर भारोत्तोलन में उनकी दिलचस्पी बढऩे लगी।
मीराबाई चानू ने 11 साल की कम उम्र में लोकल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में सोना जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसके बाद उन्होंने विश्व और एशियाई जूनियर चैंपियनशिप प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग कर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को उड़ान देनी शुरू करते हुए दोनों में पदक अपने नाम किये।
मणिपुर की मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलम्पिक में देश को पदक दिलाया है। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ा संघर्ष किया है। अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए मीराबाई चानू को अपने परिवार से काफी सहयोग मिला है।
परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी लेकिन उनके माता-पिता ने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आहार संबंधी जरूरतों से लेकर कई अन्य जरूरते पूरी की। उसी का नतीजा है कि चानू लगातार अपने परिवार और देश का नाम ऊंचा कर रही हैं।
मीराबाई चानू पर एक नजर
- मीराबाई चानू ने साल 2014 में ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर जीता
- मीराबई ने 2017 में हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था
- 2018 में कॉमन वेल्थ गेम्स में भी चानू ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था
- अप्रैल 2021 में ताशकंद में एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप के दौरान, मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किग्रा
- क्लीन एंड जर्क में 119 किग्रा भार उठाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था
- दूसरी ओर, चानू को स्नैच में खराब प्रदर्शन के कारण एशियाई मीट में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था