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विदेश मंत्रालय ने गुरूवार को प्रेस वार्ता की और आतंकवादी मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के फैसले को सही दिशा में कदम बताया। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया 2009 में शुरू हुई थी।
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की प्रक्रिया 2009 में शुरू हुई, भारत की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता: विदेश मंत्रालय
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) May 2, 2019
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के सदस्यों के साथ साझा की गई सूचनाओं के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है। आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई भारत के रुख के अनुसार हुआ है। भारत की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद पर किसी भी देश के साथ किसी भी तरह से समझौता नहीं करते, आतंकवादी मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया की प्रतिबद्धताा को दर्शाता।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अजहर मसूद को बुधवार को वैश्वित आतंकवादियों की सूची में शामिल कर दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, “मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में एक आतंकवादी के रूप में घोषित।”
अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए प्रस्ताव यूएनएससी प्रतिबंध समिति 1267 में लाया गया था। इससे करीब तीन महीने पहले आतंकी संगठन जैश ने कश्मीर के पुलवामा जिले में आत्मघाती हमला किया था।