प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के शिया और सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के आदेश दिए गए हैं. इन दोनों अधिकारियों पर कार्य में दिलचस्पी न लिए जाने का इल्जाम है. उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ मंत्री नन्द गोपाल नन्दी ने वक्फ विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए. मंत्री ने कहा कि दोनों वक्फ बोर्डों के अधिवक्ताओं को भी हटा दिया जाए.
विधान भवन स्थित मंत्री के कार्यालय में हुई बैठक में मंत्री नन्द गोपाल नन्दी ने यह पाया कि शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. मोहम्मद नसीर हुसैन और सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सैय्यद मोहम्मद शोएब अहमद दिलचस्पी के साथ अपने काम नहीं कर रहे हैं.
मंत्री नन्द गोपाल नन्दी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील हैं और इस तरह की लापरवाही नाकाबिले बर्दाश्त है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों से सम्बंधित जो मामले भारत सरकार में लंबित हैं उन्हें भी बहुत जल्दी स्वीकृत कराकर यूपी में लागू कराया जाएगा.
आज सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में अल्पसंखयक कल्याण विभाग के उच्य अधिकारियों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की।
बैठक में शिया बोर्ड और सुन्नी बोर्ड के सी.ई.ओ. को कार्य में शिथिलता के चलते प्रतिकूल प्रविष्टि दिया। pic.twitter.com/7gsu443Ufz— Nand Gopal Gupta 'Nandi' (@NandiGuptaBJP) January 6, 2021
मंत्री ने इस बात पर कड़ी नाराजगी ज़ाहिर की कि प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षा विभागों के पास ITI और पालीटेक्निक के उपकरण खरीदने की धनराशि लम्बे समय से पड़ी है लेकिन न उपकरण खरीदे गए और न ही राशि ही लौटाई गई. ऐसे लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी मंत्री ने आदेश दिए.
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उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा, छात्रवृत्ति योजना, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम, वक्फ बोर्ड के कार्यकलापों, आईजीआरएस, मुसाफिरखाना, वक्फ विकास निगम, कोर्ट केस, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड, विभाग के सभी निगमों को एक बिल्डिंग में स्थापित करने के निर्देश दे दिए गए हैं. इस बैठक में अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव बी.एल. मीना, विशेष सचिव डी.एस.उपाध्याय, जे.पी.पाण्डेय और रजिस्ट्रार आर.पी.सिंह भी मौजूद थे.