जुबिली न्यूज डेस्क
यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से दुनिया के कई देशों में महंगाई उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। गरीब देश तो एक साथ कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। एक ओर महंगाई तो दूसरी ओर सूखे की समस्या ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों के मुताबिक, पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया में एक दशक में सबसे खराब सूखे की स्थिति है। एजेंसियों का कहना है कि इस स्थिति में लाखों बच्चे भूख से मर सकते हैं। वहीं सोमालिया में यूक्रेन युद्ध के कारण खाने-पीने की चीजें काफी महंगी हो गई है।
सोमालिया कई सालों से लगातार सूखे से पीडि़त है, लेकिन वर्तमान में एक दशक के सबसे खराब सूखे का सामना कर रहा है। इसके पड़ोसी देश इथियोपिया और केन्या भी प्रभावित हुए हैं।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कहा है कि निकट भविष्य में सोमालिया के 60 लाख लोगों को खाद्य समर्थन की जरूरत पड़ेगी।
सोमालिया में यूक्रेन युद्ध से पहले ही खाने-पीने की चीजों की कीमतें 10 साल के उच्चतम स्तर पर थीं, इसका कारण वैश्विक खाद्य संकट बताया जा रहा।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां विश्व खाद्य कार्यक्रम, खाद्य और कृषि एजेंसी (एफएओ), मानवीय सहायता एजेंसी ओसीएचए और यूनिसेफ के अधिकारियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि बढ़ती जरूरत के कारण सहायता कम हो रही है और कई प्रभावित सोमालियाई चुनौतियों का सामना करने में असमर्थ हैं।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के सोमालिया प्रतिनिधि अल-खिदिर दलौम ने कहा, “वास्तव में स्थिति ऐसी है कि हम भूखे और भूखे लोगों को खिलाने के बारे में सोच रहे हैं। लाखों लोगों का जीवन खतरे में है।”
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल बारिश के मौसम में पूर्वी अफ्रीका में बारिश कम हुई है। इसके अलावा,
अनाज की बढ़ती कीमतों और अनाज की आपूर्ति पर यूक्रेन में संघर्ष के प्रभाव से खाद्य की कमी में तेजी से वृद्धि हुई है।
यह भी पढ़ें : आलिया भट्ट ने शादी के लिए कंगना को किया कॉपी?
यह भी पढ़ें : रूस के साथ युद्ध के 50 दिन पूरे होने पर राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्या कहा?
यह भी पढ़ें : …ऐसे ही नजीर नहीं बनी हैं रानी
उन्होंने कहा कि सोमालिया के छह क्षेत्रों को अकाल पीडि़त के रूप में देखा जा रहा है।
देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी या लगभग 60 लाख लोग गंभीर भोजन की कमी से जूझ रहे हैं। सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अकाल से सबसे अधिक बच्चे प्रभावित होंगे।
यह भी पढ़ें : ‘बुलडोजर न्याय’ पर बोले गहलोत, कहा- बिना जांच PM को भी किसी का घर गिराने…
यह भी पढ़ें : Video : इमरान-शहबाज समर्थक इफ्तार पार्टी में भिड़े, जमकर चले लात-घूंसे
यह भी पढ़ें : NDA के साथी मांझी ने भगवान राम के बारे में कही ये बड़ी बात
एजेंसियों का कहना है कि अकेले इस साल करीब 14 लाख बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं। उनमें से एक चौथाई भूख से मर सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सोमालिया में अकाल संकट से उबरने के लिए आवश्यक डेढ़ अरब डॉलर में से सिर्फ चार प्रतिशत ही धन हासिल किया जा सका है होंगे
सोमालिया में साल 2011 के अकाल में 2,60,000 लोग मारे भूख या भूख से संबंधित विकारों से मारे गए थे, जिनमें से आधे छह साल से कम उम्र के बच्चे थे।