न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना का ग्रहण वैवाहिक कार्यक्रमों पर भारी पड़ रहा है। हज़ारो परिवारों ने अपने घरों में पड़ने वाले शादी- ब्याह लाकडाउन के चलते रद्द कर दिए है। जिससे वैवाहिक कार्यक्रम से जुड़े कारोबारी भी बर्बादी की राह पर आ गए है।
इसमें टेंट, कैटरिंग, लाइट, फ्लोरल डेकोरेशन, डीजे, फोटोग्राफी, पूजा, फैंसी कपड़े के साथ कई सारे व्यवसाय जुड़े हैं, जिससे लाखों लोगों के घर का खर्च चल रहा है।
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कोरोना वायरस के खौफ के चलते हज़ारों लोगों ने शादियां तो टाल दी लेकिन इसका असर लाखों लोगों की ज़िन्दगी पर देखा जा रहा है। सहालग में काम करके चंद पैसा जुटाकर अपने परिवार पालने वाले इन छोटे कारोबारियों के सामने लाकडाउन ने ऐसी मुसीबतें खड़ी कर दी है, जिसे वे खुलकर बता भी नहीं पा रहे है।
कानपुर के एक फोटोग्राफर विक्की बताते है कि सहालग से घर का गुजारा हो पाता है, लाकडाउन के चलते न केवल जिंदगी रुकी है बल्कि इससे दो जून की रोटी नसीब होने में दिक्कतें आने लगी है। हज़ारों लोगों ने आर्डर कैंसिल करवा लिए है, कोई नहीं जानता हालात कब तक सुधरेंगे।
टेंट हाउस का संचालन करने वाले अवधेश बताते है कि लाकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश में लगभग 1,50,000 शादियों ग्रहण लग चुका है। लगभग 50,000 शादियां आने वाले नवंबर- दिसंबर की मुहूर्त पर समायोजित की गई हैं। हज़ारों लोगों ने अभी तय भी नहीं किया है कि आगे कब करना है।
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केवल लखनऊ को लेकर चलें तो लगभग इस साल अप्रैल- मई में 2200 के करीब सहालग थी, जिसमे सभी कार्यकम रद्द हो चुके हैं। जिसके चलते व्यवसाय से जुड़े छोटे- बड़े होटलों का भी पूरा कारोबार ठप्प पड़ गया है।
आपको बता दे कि लाकडाउन के चलते कारोबारियों को आफिस/ गोदाम का किराया, बिजली का बिल, जीएसटी आदि के लिए काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अप्रैल- मई के वैवाहिक कार्यक्रम का एडवांस लिए कारोबारियों पर अलग से परेशानियां है। ऐसे समय जहां रोजगार ठप्प पड़ा है वहीं कारोबारियों पर एडवांस वापस करने का दबाव भी बना हुआ है।
ऐसी महामारी के चलते अभी आगे के कुछ महीनों में किस तरीके की सरकार द्वारा नीति तय होगी। कारोबारियों को इसके चलते लंबे समय तक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। योगी सरकार से इन वैवाहिक कार्यक्रमो से जुड़े व्यवसाय के लाखों कारोबारियों को काफी उम्मीद है कि सरकार उनको भी राहत प्रदान करेगी।
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