- सिर्फ यूएई से करीब दो लाख भारतीय वापस आने के लिए बेकरार
- करीब 15 हजार भारतीयों को 12 देशों से विशेष विमानों के जरिए वापस लायेगी सरकार
- भारत उन्हीं भारतीयों को ला रहा है जो अपने टिकट का पैसा दे रहे हैं और वो कोरोना से संक्रमित नहीं हैं
न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी से अफरा-तफरी का माहौल है। एक ओर देश के राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर हरहाल में अपने घर को लौटना चाह रहे हैं तो वहीं विदेशों में कामगर भारतीय हरहाल में अपने वतन वापस आने के लिए परेशान है। दुनिया के ज्यादातर देशों में तालाबंदी की वजह से लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है जिसकी वजह से हर कोई अपने घरों को लौटने के लिए बेकरार है।
दुनिया के कई मुल्कों से भारतीयों को लाने की तैयारी सरकार ने कर ली है। गुरुवार को संयुक्त अरब अमीरात में लॉकडाउन में फंसे 300 भारतीयों को वापस लाया गया। ये सभी दो फ्लाइट के जरिए केरल पहुंचे और सभी को क्वॉरंटीन में भेज दिया गया है।
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केवल संयुक्त अरब अमीरात से ही एक लाख 97 हजार भारतीयों ने वापस आने के लिए आवेदन किए हैं। ज़्यादातर लोग केरल के हैं। यहां के लोग लाखों की संख्या में यूएई में काम करते हैं।
भारत ने मार्च में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय हवाई सेवा बंद कर दी थी।
भारत सरकार अगले कुछ हफ्तों में करीब 15 हजार भारतीयों को 12 देशों से विशेष विमानों के जरिए वापस लायेगी। सभी भारतीयों को अपना किराया ख़ुद देना पड़ रहा है और आने से पहले सबका टेस्ट किया जा रहा है कि वो कोरोना वायरस से कहीं संक्रमित तो नहीं हैं।
गुरुवार को ब्रिटेन और अमेरिका से भी भारतीयों को लेकर विमान उड़ान भरने वाले थे लेकिन चालक दल के सदस्यों के टेस्ट में देरी हुई इसलिए उड़ान भी लटक गई।
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भारत ने विदेशों में बसे भारतीयों को लाने के अभियान को ‘वंदे भारत मिशन’ नाम दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कम से कम दो लाख भारतीयों को विदेशों से लाना है। 1990 के बाद भारत का यह सबसे बड़ा अभियान कहा जा रहा है। खाड़ी के युद्ध के दौरान एक लाख 70 हजार भारतीयों को वापस लाया गया था।
भारत की सरकारी हवाई सेवा एयर इंडिया की फ्लाइट अगले कुछ दिनों में अमरीका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, कतर, सिंगापुर और मलेशिया के लिए उड़ान भरने वाली है।
हालांकि भारत उन्हीं भारतीयों को ला रहा है जो अपने टिकट का पैसा दे रहे हैं और वो कोरोना से संक्रमित नहीं हैं। सभी फ्लाइट में 200 से 250 तक सवारी बैठाए जा रहे हैं। भारत जलमार्ग के जरिए भी अपने लोगों के विदेश से ला रहा है।
हाल ही में भारतीय नेवी ने मालदीव में अपना एक पोत भेजा था और वहां फंसे एक हजार भारतीयों को वापस लाया था। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश में रह रहे भारतीयों से आग्रह किया है कि अगर वो वापस आना चाहते हैं तो दूतावास के संपर्क में रहें।
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