न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख पार करने के बाद तेजी से बढ़ रहा है। देश में लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाया तो गया है, लेकिन इतनी ज्यादा छूट के साथ कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी भूल रहे है।
एक तरफ प्रवासी मजदूरों ने चिंता बढ़ाई हुई है तो दूसरी तरफ बाजार खोलने की अनुमति के आगे कैसे इंडिया कोरोना को मात देगा? ये सवाल लोगों में चिंता बढ़ा रहा है।
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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिन-प्रतिदिन इसके संक्रमण से लोग चपेट में आ रहे हैं। इस बीच मंगलवार को 10 और लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें 9 प्रवासी मजदूरों के साथ पहले से ही पॉजिटिव पाई गई केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में संविदा पर तैनात नर्स की भतीजी शामिल है।
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आज उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य में लौटने वाले कई प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। ऐसे में गांव और मोहल्ला निगरानी समितियों के लिए संक्रमण को फैलने से रोकना महत्वपूर्ण हो जाता है।
अमित मोहन प्रसाद के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में संक्रामक रोग की जांच के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। सोमवार को 693 पूल टेस्ट हुए, जिसमें 3668 सैंपल पूल के माध्यम से टेस्ट किए गए। इसमें से 48 पूल पॉजिटिव आए।
अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस से सक्रिय मामलों की संख्या 1847 है, अब तक 2783 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 237 मामले सामने आए हैं, अब तक प्रदेश में वायरस से कुल 118 मौतें हुई हैं।
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