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Mi17 V5 हेलिकॉप्टर क्रैश मामले में वायुसेना के सीनियर अधिकारियों को गैर-इरादतन हत्या का आरोपी बनाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इस मामले में अब जल्द ही समरी ऑफ एविडेंस तैयार की जाएगी।
साथ ही मिसाइल लॉन्च का आदेश देने वाले अधिकारी की भूमिका की जांच हो सकती है। अगर अधिकारियों को दोषी पाया गया तो उन्हें उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर जेल भी भेजा जा सकता है।
एक समाचार पत्र पर प्रकाशित खबर के मुताबिक, इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्रैश से पहले दोस्त या दुश्मन की पहचान करने वाले सिस्टम (IFF) ने काम क्यों नहीं किया।
वहीं जांच में यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जो अधिकारी सवालों के घेरे में हैं, क्या वह मिसाइल लॉन्च की क्लियरेंस के वक्त कंट्रोल रूम में थे या नहीं, अगर वह एयरबेस के दौरे पर थे तो क्या उन्होंने मिलाइल लॉन्च का आदेश ट्रांसमिटर से दिया था।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही मीडिया रिपोर्ट्स में सवाल उठाया गया था कि बडगाम में Mi17 V5 हेलिकॉप्टर कहीं भारतीय मिसाइल से ही तो क्रैश नहीं हुआ था?
क्या था मामला
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर के बडगाम में 27 फरवरी, 2019 को भारत का एक चॉपर MI-17 श्रीनगर के पास बडगाम में क्रैश हो गया था। तब कहा गया कि चॉपर तकनीकी खराबी की वजह से क्रैश हुआ है।
29 मार्च के दिन एक समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया कि हेलिकॉप्टर क्रैश से ठीक पहले एक एयर डिफेंस मिसाइल दागी गई थी। यानी हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की एक संभावित वजह ये भी हो सकती है कि उससे कोई भारतीय मिसाइल टकरा गई हो।
इस घटना में हेलिकॉप्टर में सवार 6 एयरफोर्स कर्मियों के अलावा जमीन पर मौजूद एक आम नागरिक की मौत हो गई थी।