न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। अभी एक सप्ताह पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय अस्तित्व में आया है। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा बड़ा बैंक बन चुका है। अब एक और बड़े बैंक लक्ष्मी विलास बैंक ने विलय की घोषणा की है।
यह विलय इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस (आईबीएच) के साथ का प्रस्ताव है। हालांकि इस विलय के लिए भारतीय रिजर्व बैंक समेत अन्य नियामकों से मंजूरी लेनी होगी। इस विलय के अस्तित्व में आने के बाद इसका असर ग्राहकों पर भी पड़ेगा।
लक्ष्मी विलास बैंक ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (आईबीएच) के साथ विलय की घोषणा की है।
करीब 93 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस (आईबीएच) के साथ विलय की घोषणा की है। इस विलय का मकसद अधिक पूंजी और व्यापक भौगोलिक पहुंच वाला वेंचर बनाना है। इस विलय के बाद जो वेंचर अस्तित्व में आएगा उसके कर्मचारियों की संख्या 14,302 हो जाएगी।
आपको बता दे की देश के बैंकिंग सेक्टर में तेजी से बदलाव हो रहा है। विलय के इस फैसले से ग्राहकों और निवेशकों पर सीधा असर होगा।ग्राहक अब इंडियाबुल्स की 200 से ज्यादा ब्रांच में सर्विस का फायदा उठा पाएंगे। साथ ही, उन्हें लोन जैसी सुविधाओं का फायदा भी मिलेगा।
स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में दोनों कंपनियों ने बताया है कि विलय के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के मंजूर योजना के तहत बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर मिलेंगे। दोनों के विलय से बनने वाले नई कंपनी में कर्मचारियों की संख्या में भारी इजाफा होगा और 2018-19 के पहले नौ महीने की अवधि में दिया गया कर्ज 1.23 लाख करोड़ रुपये होगा।
इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस ने आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर एस एस मुंद्रा की अध्यक्षता में रि-ऑर्गनाइजेशन कमिटी का गठन किया है, जो इस विलय की प्रक्रिया को पूरा कराने का काम करेंगे। लक्ष्मी विकास बैक ने पिछले महीने ही क्यूआईपी के जरिए 460 करोड़ जुटाए हैं।
आरबीआई करेगा विचार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मर्जर के प्रपोजल पर अभी आरबीआई (RBI) भी विचार करेगा। उसकी मंजूरी के बाद ही दोनों कंपनियों के मर्जर का रास्ता साफ होगा।
इंडियाबुल्स हाउसिंग का शेयर मजबूत
वहीं पिछले तीन ट्रेडिंस सेशन के दौरान इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस का शेयर 2 फीसदी की मजबूती के साथ 916 रुपए के स्तर पर पहुंच गया, हालांकि बाद में तेजी सीमित हो गई और शेयर 903 रुपए के आसपास क्लोज हुआ। इस डील की घोषणा मार्केट के क्लोज होने के बाद हुई।
दोनों की ये है वर्तमान स्तिथि
वर्तमान में लक्ष्मी विलास बैंक के देशभर में 569 शाखाएं, 1046 एटीएम हैं। वहीं अगर इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस की बात करें तो देशभर में 220 शाखाएं हैं। विलय प्रस्ताव के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडिया बुल्स के 14 शेयर मिलेंगे।
बैंक को क्या होगा फायदा
लक्ष्मी विलास बैंक पर इस विलय के असर की बात करें तो इससे बैंक की बैंलेंसशीट में सुधार आएगा। इससे बैंक के सीएआर में सुधार का अनुमान है। इसके आलावा इस विलय से बैंक के ग्राहकों की तादात भी बढ़ सकती है।
जानकारों का मानना है कि इस विलय से लक्ष्मी विलास बैंक की हाउसिंग फाइनेंस कारोबार में पकड़ बेहतर होगी। बैंक की एसेट क्वालिटी की स्थिती में भी सुधार संभव है।
इंडिया बुल्स हाउसिंग पर क्या होगा असर
इस विलय के असर की बात करें तो इससे एसेट लायबिलिटी मिसमैच की दिक्कतें दूर होंगी। इंडिया बुल्स हाउसिंग की नकदी जुटाने की लागत में कमी आएगी। कंपनी की रिटेल बैंकिंग कारोबार में पकड़ मजबूत होगी। साथ ही दक्षिण भारत के बाजार में कंपनी की पहुंच बढ़ेगी।