स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी में सपा की पार्टी एक बार फिर अपनी खोयी हुई साख को बचाने में लगी हुई है। हालांकि ये बात भी सच है कि सपा में अब पहले जैसी बात नहीं है। लगातार चुनावों में मिल रही हार से सपा अभी जूझ रही है।
उधर शिवपाल यादव के पार्टी छोडऩे के बाद सपा कमजोर हो चुकी है। इस वजह से मुलायम भी कई बार अपने भाई शिवपाल यादव को पार्टी में वापस लाना चाहते हैं। दोनों के रिश्ते भले ही पहले जैसा नहीं हो लेकिन हाल के घटनाक्रम को देखकर यही लग रहा है कि सपा का कुनबा शायद फिर एक हो सकता है।
अभी तक जिस शिवपाल यादव को सपा ने अलग-थलग करने की तैयारी चल रही थी उसी शिवपाल यादव पर अब खुद अखिलेश नम्र पड़ते नजर आ रहे हैं।
दरअसल अखिलेश यादव ने शुक्रवार को खुद अपने चाचा और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता को लेकर बड़ा संकेत दिया है।
अखिलेश से जब पूछा गया कि पूर्व में पार्टी से बगावत करने वाले तत्कालीन राज्यसभा सदस्य अमर सिंह और विधायक नितिन अग्रवाल की सदस्यता समाप्त करने की याचिका नहीं दिया गया तो इसपर सपा के मुखिया ने बड़ी बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि हम सबकी सिफारिश वापस ले लेंगे।
संतुष्ट! आप कह रहे हैं कि हमने उनके खिलाफ नहीं किया, तो हम सबकी वापस ले लेंगे। उनके इस बयान से एक बात तो साफ हो रही है कि शायद शिवपाल यादव को लेकर जो कदम सपा ने उठाया है वह अब पीछे लिया जा सकता है।