जुबिली न्यूज डेस्क
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ₹13,500 करोड़ की धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। वह लंबे समय से फरार था, लेकिन अब बेल्जियम में गिरफ्त में आ गया है। जानकारी के मुताबिक, CBI और ED की अपील पर बेल्जियम पुलिस ने मेहुल चोकसी को पकड़ा।
कैसे हुआ मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी?
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी को बेल्जियम के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया गया, जहां वह इलाज करवा रहा था। जैसे ही भारतीय एजेंसियों को उसकी मौजूदगी का पता चला, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। खबर है कि चोकसी बेल्जियम से भागकर स्विट्ज़रलैंड जाने की तैयारी में था, लेकिन इससे पहले ही उसे पकड़ लिया गया।
बता दें कि CBI और ED ने तीन महीने पहले ही उसके प्रत्यर्पण के लिए बेल्जियम में अपील कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेल्जियम के राजा फिलिप के बीच हुई चर्चा में भी यह मामला उठा था, जिसके बाद कार्रवाई तेज हो गई।
मेहुल चोकसी को भारत लाना आसान क्यों है?
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भारत और बेल्जियम के बीच 1901 से प्रत्यर्पण संधि मौजूद है।
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इस समझौते के तहत भारत को कानूनी अधिकार है कि वह चोकसी को भारत लाने की औपचारिक मांग कर सके।
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इससे पहले चोकसी कैरेबियन देश एंटीगुआ और डोमिनिका में रह रहा था, लेकिन इन देशों के साथ भारत का प्रत्यर्पण समझौता नहीं होने के कारण दिक्कतें आई थीं।
बेल्जियम में भी फैला रखा था कारोबार
मेहुल चोकसी बेल्जियम में हीरा और गहनों का बड़ा व्यापार कर रहा था। CBI सूत्रों के मुताबिक, उसकी कंपनियां बेल्जियम के डायमंड हब में लंबे समय से सक्रिय थीं। इतना ही नहीं, चोकसी ने अपनी बेल्जियम निवासी पत्नी के जरिए वहां का ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ भी हासिल कर लिया था, जिससे उसे वहां कारोबार करने की सुविधा मिल गई थी।
कानूनी दांव-पेंच आजमा सकता है चोकसी
हालांकि गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन जानकार मानते हैं कि मेहुल चोकसी बेल्जियम की अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। उसके वकील जमानत की अपील कर सकते हैं, जिससे भारत प्रत्यर्पण में कुछ समय लग सकता है।
चोकसी की गिरफ्तारी से एजेंसियों को मिलेगी बड़ी कामयाबी
अगर मेहुल चोकसी को भारत लाया गया, तो यह CBI और ED के लिए बड़ी सफलता होगी। इससे न केवल PNB घोटाले की जांच को मजबूती मिलेगी, बल्कि चोकसी के भतीजे नीरव मोदी के खिलाफ चल रही लंदन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया को भी बल मिल सकता है।
अब सबकी नजरें बेल्जियम की अदालतों और भारत की कूटनीतिक कोशिशों पर टिकी हैं।
PNB घोटाला लेटेस्ट न्यूज | मेहुल चोकसी अरेस्ट न्यूज़ | CBI ED मेहुल चोकसी अपडेट
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में ₹13,500 करोड़ की धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। वह लंबे समय से फरार था, लेकिन अब बेल्जियम में गिरफ्त में आ गया है। जानकारी के मुताबिक, CBI और ED की अपील पर बेल्जियम पुलिस ने मेहुल चोकसी को पकड़ा।
कैसे हुआ मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी?
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी को बेल्जियम के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया गया, जहां वह इलाज करवा रहा था। जैसे ही भारतीय एजेंसियों को उसकी मौजूदगी का पता चला, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। खबर है कि चोकसी बेल्जियम से भागकर स्विट्ज़रलैंड जाने की तैयारी में था, लेकिन इससे पहले ही उसे पकड़ लिया गया।
बता दें कि CBI और ED ने तीन महीने पहले ही उसके प्रत्यर्पण के लिए बेल्जियम में अपील कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेल्जियम के राजा फिलिप के बीच हुई चर्चा में भी यह मामला उठा था, जिसके बाद कार्रवाई तेज हो गई।
भारत लाना आसान क्यों है?
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भारत और बेल्जियम के बीच 1901 से प्रत्यर्पण संधि मौजूद है।
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इस समझौते के तहत भारत को कानूनी अधिकार है कि वह चोकसी को भारत लाने की औपचारिक मांग कर सके।
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इससे पहले चोकसी कैरेबियन देश एंटीगुआ और डोमिनिका में रह रहा था, लेकिन इन देशों के साथ भारत का प्रत्यर्पण समझौता नहीं होने के कारण दिक्कतें आई थीं।
बेल्जियम में भी फैला रखा था कारोबार
मेहुल चोकसी बेल्जियम में हीरा और गहनों का बड़ा व्यापार कर रहा था। CBI सूत्रों के मुताबिक, उसकी कंपनियां बेल्जियम के डायमंड हब में लंबे समय से सक्रिय थीं। इतना ही नहीं, चोकसी ने अपनी बेल्जियम निवासी पत्नी के जरिए वहां का ‘एफ रेजीडेंसी कार्ड’ भी हासिल कर लिया था, जिससे उसे वहां कारोबार करने की सुविधा मिल गई थी।
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कानूनी दांव-पेंच आजमा सकता है चोकसी
हालांकि गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन जानकार मानते हैं कि मेहुल चोकसी बेल्जियम की अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। उसके वकील जमानत की अपील कर सकते हैं, जिससे भारत प्रत्यर्पण में कुछ समय लग सकता है।
चोकसी की गिरफ्तारी से एजेंसियों को मिलेगी बड़ी कामयाबी
अगर मेहुल चोकसी को भारत लाया गया, तो यह CBI और ED के लिए बड़ी सफलता होगी। इससे न केवल PNB घोटाले की जांच को मजबूती मिलेगी, बल्कि चोकसी के भतीजे नीरव मोदी के खिलाफ चल रही लंदन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया को भी बल मिल सकता है। अब सबकी नजरें बेल्जियम की अदालतों और भारत की कूटनीतिक कोशिशों पर टिकी हैं।