जुबिली न्यूज डेस्क
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर से आए किसान पिछले 66 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुए हिंसक प्रदर्शन और तिरंगे के अपमान पर पीएम मोदी ने कहा कि देश इस घटना से बहुत दुखी हुआ। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का हल सिर्फ बातचीत के जरिए निकल सकता है।
दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कहा, हम उसका सम्मान करते हैं। उनकी गरिमा की रक्षा की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम किसी को तिरंगे का अपमान नहीं करने देंगे, इसे हमेशा ऊंचा रखेंगे।
इस बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार और किसानों से मिलकर समाधान निकालने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि दुनिया के किसी भी आंदोलन को दबाकर-कुचलकर शांत नहीं किया जा सकता है।
मलिक ने कहा, ‘मैं खुद किसानों के आंदोलन से निकला हुआ नेता हूं। इसलिए मैं उनकी समस्याओं को समझ सकता हूं। इस मसले का जल्द से जल्द समाधान निकालना ही देश के हित में है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि किसानों की समस्या को सुनें। दोनों पक्षों को जिम्मेदारी के साथ बातचीत में शामिल होना चाहिए।’
Most of the farmers have remained peaceful, I appeal to them to negotiate with the government. Also, I want to caution that no movement in the world can be sorted through suppression: Meghalaya Governor Satya Pal Malik
— ANI (@ANI) January 31, 2021
उन्होंने कहा, ‘अधिकतर किसान शांतिपूर्वक ही रहे। मैं उनसे सरकार के साथ बातचीत करने और समाधान निकालने की अपील करता हूं। इसके साथ ही मैं सावधान करते हुए यह बताना चाहता हूं कि दुनिया के किसी भी आंदोलन को दबाकर और कुचलकर शांत नहीं किया जा सकता है।’
बताते चले कि मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बागपत के निवासी सत्यपाल मलिक अभी मेघालय के राज्यपाल हैं। इससे पहले वह जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार, ओडिशा के भी राज्यपाल का पदभार संभाल चुके हैं। विधायक के तौर पर राजीतिक जीवन शुरू करे वाले मलिक लोकसभा और राज्यसभा के सांसद भी रहे हैं। वह जनता दल और बीजेपी के साथ राजनीति में सक्रिय रहे।