जुबिली न्यूज़ डेस्क
इन्सान के लिए सबसे महत्वपूर्ण है उसका स्वास्थ्य लेकिन हमारे स्वास्थ्य के साथ जिस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है उस पर जागरूक रहना बहुत जरुरी हो गया है।
दरअसल मामला यह है कि यूपी के कानपुर नगर स्थित हैलट अस्पताल के सामने बने दो बड़े मेडिकल स्टोर संचालकों पर असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग्स की टीम ने छापेमारी की छापेमारी के दौरान दो बड़े मेडिकल स्टोर पर नकली दवाइयां पकड़ी गई।
दोनों मेडिकल संचालको के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। असिस्टेंट कमिश्नर शशि मोहन गुप्ता ने बताया कि 28 अगस्त को कोहली और एक अन्य मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर संबंधित दवा के बैच नंबर यूटीपीबी 014 के सैंपल लिए गए थे।
यह सैंपल लखनऊ प्रयोगशाला में जांच कराई गई तो सैंपल फेल हो गए। जांच में पता चला की दवा में फॉल्ट है जो रेपर में लिखा है वह दवा भी नहीं है।
ड्रग इंस्पेक्टर ने दोनों स्टोरों से दवाओं की सप्लाई का स्रोत पूछा तो कोहली स्टोर ने फतेहपुर से सप्लायर से दवा खरीदने की बात कही। वही जब टीम ने दवा के बिल मांगे तो कोहली मेडिकल स्टोर संचालक ने दवा के बिल भी नहीं दिखा पाए। इसके बाद फतेहपुर की मेडिकल स्टोर एजेंसी के बिल का सत्यापन कराया गया।
फ़िलहाल दोनों मेडिकल संचालकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए और जांच के आदेश दिए गए हैं। लेकिन इस मामले के सामने आने के बाद एक बड़ा सवाल यह बनता है कि जब कानपुर जैसे महनगर में इस तरह की धोखाधड़ी की जा रही है तो फिर दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में लोगों को सही दवा मिल रही है या नही ?
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