पॉलिटिकल डेस्क।
कर्नाटक में जारी सियासी उठापटक के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने दलबदल करने वालों की सदस्यता समाप्त करने के लिए सख्त कानून बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि तोड़फोड़ की राजनीति रोकने के लिए इस कानून की जरूरत है।
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि, ”बीजेपी ईवीएम में गड़बड़ी व धनबल आदि से केन्द्र की सत्ता में दोबारा आ गई लेकिन सन् 2018 व 2019 में देश में अबतक हुए सभी विधानसभा आमचुनाव में अपनी हार की खीज अब वह किसी भी प्रकार से गैर-बीजेपी सरकारों को गिराने के अभियान में लग गई है जिसकी बीएसपी कड़े शब्दों में निन्दा करती है।”
उन्होंने एक और अन्य ट्वीट में लिखा कि, ”बीजेपी एक बार फिर कर्नाटक व गोवा आदि में जिस प्रकार से अपने धनबल व सत्ता का घोर दुरुपयोग करके विधायकों को तोड़ने आदि का काम कर रही है वह देश के लोकतंत्र को कलंकित करने वाला है। वैसे अब समय आ गया है जब दलबदल करने वालों की सदस्यता समाप्त हो जाने वाला सख्त कानून देश में बने।”
बीजेपी ईवीएम में गड़बड़ी व धनबल आदि से केन्द्र की सत्ता में दोबारा आ गई लेकिन सन् 2018 व 2019 में देश में अबतक हुए सभी विधानसभा आमचुनाव में अपनी हार की खीज अब वह किसी भी प्रकार से गैर-बीजेपी सरकारों को गिराने के अभियान में लग गई है जिसकी बीएसपी कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
— Mayawati (@Mayawati) July 11, 2019
गौरतलब है कि कर्नाटक सियासत का नाटक अब देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट आज विधायकों के इस्तीफे के मुद्दे पर सुनवाई करेगा। जिन 10 विधायकों ने इस्तीफा दिया है उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है कि स्पीकर उनका इस्तीफा मंजूर नहीं कर रहे हैं।
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वहीं कर्नाटक में सियासी संकट के बाद गोवा में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। गोवा में कांग्रेस के कुल 15 विधायकों में से 10 विधायक भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) में शामिल हो गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि नेता विपक्ष भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
सियासी गलियारों में चर्चा होने लगी है कि कर्नाटक और गोवा के बाद मध्य प्रदेश का नंबर हो सकता है। मोदी और शाह की जोड़ी ऐसे ही जोड़-तोड़ की राजनीति करते रहे तो मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी गिर खतरे में आ सकती है।