जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने की खबरों को फर्जी करार देते हुए इसे एक एजेंडे के तहत भ्रम फैलाने की साजिश बताया और अपने समर्थकों से सावधान रहने की अपील की। मायावती ने बुधवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया “ सपा नेता रामगोपाल यादव के हवाले से बीएसपी के ’इण्डिया’ गठबंधन में शामिल होने के लिए मुलाकात की न्यूज चैनल पर प्रसारित खबर पूरी तरह से गलत, बेबुनियाद व फेक न्यूज। बार-बार ऐसी मनगढ़न्त खबरों से मीडिया अपनी इमेज खराब करने पर क्यों तुला है। कहीं ये सब किसी एजेण्डे के तहत तो नहीं।”
उन्होने कहा “ मीडिया द्वारा ऐसी अनर्गल खबरों का सपा व उनके नेता द्वारा खण्डन नहीं करना क्या यह साबित नहीं करता है कि उस पार्टी की हालत यहाँ उत्तर प्रदेश में काफी बदहाल है और वे भी उस घृणित राजनीति का हिस्सा हैं जो बीएसपी के खिलाफ लगातार सक्रिय है। ऐसी फेक खबरों से पार्टी के लोग सावधान रहें।
जानें किससे करेंगी गठबंधन
मायावती ने बुधवार को चार ट्वीट करते हुए कहा कि एनडीए व इंडिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं। इनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यह फेक न्यूज है। बीएसपी विरोधियों के जुगाड, जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे-बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारे के आधार पर जोड़कर उनके साथ गठबंधन करेगी।
इसकी तरह से 2007 की तरह ही अकेले चुनाव लडे़गी। वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं लेकिन ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी है।
इमरान पर तंज
मायावती ने कहा कि बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं। इससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?