न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र में इन दिनों चुनावी प्रचार जोरों से चल रहा है। ऐसे में नागपुर पहुंची मायावती भी चुनाव प्रचार में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंची। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तरह ही वह भी हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लेंगी।
हालांकि, मायावती सही और उचित समय पर तय करेंगी कि उन्हें ये फैसला लेना है या नहीं। इसके अलावा उन्होंने मोहन भागवत के भारत को हिंदू राष्ट्र वाले बयां पर भी आपत्ति जताई है।
एक जनसभा को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि ‘लोग मेरे धर्म परिवर्तन के बारे में सोचते होंगे। इसीलिए मैं आपको बता दूं कि मैं बौद्ध धर्म की दीक्षा जरूर लूंगी। जिस तरह से बाबा साहब आंबेडकर ने अपने देहांत से कुछ समय पहले अपना धर्म परिवर्तन किया था। उसी तरह मैं भी बौद्ध धर्म की अनुयायी बनने के लिए दीक्षा अवश्य लूंगी, लेकिन यह सब सही समय पर होगा।
उन्होंने कहा कि ऐसा तब होगा जब पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग धर्मांतरण करें। यह प्रक्रिया भी तभी संभव है, जब बाबा साहब के अनुयायी राजनीतिक जीवन में भी उनके बताए हुए रास्ते पालन करें।’
इसके अलावा उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को लेकर कहा कि वो उनके इस बयान से सहमत नहीं हैं। इस बयान में उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र बताया था। बाबा साहब आंबेडकर ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान को बनाया था। धर्मनिरपेक्षता के तहत उन्होंने सभी धर्म के लोगों का ख्याल रखा था। इस तरह की बयानबाजी से पहले आरएसएस प्रमुख को सच्चर समिति की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए।
बता दें कि विजयादशमी के दिन नागपुर में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इसमें आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि भारत हिंदू राष्ट्र है और यहां के मुस्लिम बहुत खुश हैं।