जुबली न्यूज़ डेस्क
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की तारीफ की है। उन्होंने लिखा कि, भारत सरकार की रैंकिग में जेएनयू लगातार चैथी बार देश की दूसरी सर्वोत्तम यूनिवर्सिटी घोषित हुई है जबकि दिल्ली के ही जामिया मिल्लिया ने दो रैंक बेहतर करके 10वाँ स्थान प्राप्त किया है। इससे वे लोग जरूर सीख लें जो इन प्रतिष्ठित संस्थानों को बदनाम करने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ते।
अपने दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने लिखा है कि, यूपी के बीएचयू को भी तीसरा रैंक प्राप्त करने पर बधाई। इन नामी उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों की खास जिम्मेदारी बनती है कि वे और भी ज्यादा लगन व निष्ठा के साथ काम करें, विवादों में न पड़ें व अपनी उपलब्धियों से अपने भारत देश का नाम दुनिया में रौशन करें।
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मायावती के इस ट्वीट पर गौर करें तो उन्होंने जेएनयू के बहाने कहीं न कहीं मोदी सरकार पर निशाना साधा है। क्योंकि जेएनयू के खिलाफ सबसे ज्यादा मोर्चा बीजेपी नेताओं द्वारा ही खोला जाता है। कैंपस से लेकर संसद तक में जेएनयू को लेकर भारतीय जनता पार्टी और वाम दलों में जंग देखने को मिलती है। ऐसे में मायावती का ये ट्वीट बड़ा अहम हो जाता है।
बता दें कि मायावती की पकड़ देश के दलित वर्ग में आज भी सबसे मजबूत है लेकिन पिछले कुछ समय से वह बीजेपी के खिलाफ सीधे तौर पर कुछ बोलने या लिखने से बचती नजर आई हैं। इसे लेकर कई लोग सवाल भी खड़े करते हैं। यहां तक की ये भी कहा जाता है कि, मायावती सीबीआई के डर से सत्ता पक्ष के खिलाफ बोलने से कतराती हैं। मगर मायावती के इस ट्वीट से अब बदलाव की आहट नजर आ रही है।
बता दें कि पिछले कुछ समय से मायावती बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस और अन्य दलों के खिलाफ मुखर बनी हुई हैं। कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का मुद्दा हो या फिर हाल ही में यूपी की बस पॉलिटिक्स का मामला। मायावती कहीं न कहीं बीजेपी की भाषा बोलती दिखी हैं।
राजस्थान के कोटा से छात्रों के लाने के मुद्दे से लेकर यूपी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से बसें भेजे जाने तक, हर चीज पर मायावती कांग्रेस पर ही दोष मढ़ती रही हैं। हालांकि उनके निशाने पर बीजेपी सरकार भी रही है। लेकिन यह विपक्ष में होने के नाते उनकी एक जिम्मेदारी भी है कि सरकार को कटघरे में खड़ा करें। पर कांग्रेस निशाने पर क्यों है यह बड़ा सवाल है।
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