जुबिली स्पेशल डेस्क
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में देखा जाये तो 1 महीने के बाद भारत को अगला राष्ट्रपति मिलेगा। इसके लिए चुनाव प्रक्रिया भी होनी है। उधर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बाद देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इसको लेकर कयास भी लगने शुरू हो गए है।
विपक्ष ने अपने उम्मीदवार के तौर पर पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा पर अपनी मुहर लगा दी है। एनसीपी नेता शरद पवार कि अध्यक्षता में विपक्षी दलों की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे। वहीं एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए के अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है। द्रौपदी मुम एनडीए ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर चुना है और उनके नाम का एलान कर दिया गया है।
बीएसपी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी है और अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में इस बात का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी पार्टी किसका साथ देंगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए, द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। हमने यह अति महत्वपूर्ण फैसला बीजेपी और एनडीए के पक्ष या फिर विपक्षी पार्टी के विरोध में नहीं लिया है। बल्कि अपनी पार्टी के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के लिए यह फैसला लिया है।
मायावती ने कहा, “बसपा गरीब और दलित की पार्टी है. बीजेपी ने राष्ट्रपति के चुनाव में बातचीत का केवल दिखावा किया। जबकि शरद पवार और ममता बनर्जी ने विपक्ष की बैठक में बीएसपी को नहीं बुलाया गया जो राष्ट्रपति चुनाव को लेकर था। लेकिन हमारी पार्टी जुमलेबाजी नहीं करती है। हमलोग मानतवादी सोच के हैं।”