जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: महिला आरक्षण बिल को लेकर पूरे देश में चर्चा चल रही है. महिला आरक्षण बिल के पेश होने के एक दिन बाद बसपा मुखिया मायावती ने बीजेपी की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने महिला आरक्षण बिल को समर्थन देने का तो ऐलान कर दिया है लेकिन इसे तत्काल न लागू करने के प्रावधान पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने चुनावों को देखते हुए भोली-भाली महिलाओं की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है।
मायावती ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में प्रावधान इस प्रकार से बनाए गए हैं, जिसके तहत अगले काफी वर्षों तक अर्थात लगभग 15-16 वर्षों तक यानी कि कई चुनाव तक देश की महिलाओं को ये आरक्षण प्राप्त नहीं हो पाएगा। इस विधेयक में जो प्रावधान रखे गए हैं उनका मैं यहां उल्लेख करना जरूरी समझती हूं। संशोधन विधेयक के तहत इस महिला आरक्षण विधेयक के पास होने के बाद पहले पूरे देश में जनगणना कराई जाएगी।
पूरे देश में जनगणना कराई जाएगी
मायावती ने कहा कि बिल पास होने के बाद पहले पूरे देश में जनगणना कराई जाएगी और जब ये जनगणना पूरी हो जाएगी तब पूरे देश में लोकसभा तथा राज्यसभा का परिसीमन कराया जाएगा। उसके बाद ही ये विधेयक लागू होगा। ऐसे में ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि देशभर में नए सिरे से जनगणना कराने में अनेक वर्ष लग जाते हैं।
साल 2011 के बाद नहीं हुई जनगणना
पिछड़ी जनगणना साल 2011 में प्रकाशित हुई थी। उसके बाद से आज तक जनगणना नहीं हो सकी है। ऐसी स्थिति में संविधान संशोधन के तहत इस नई जनगणना में जिसमें अनेक साल लग जाएंगे, उसके बाद ही पूरे देश में परिसीमन का काम शुरू होगा, जिसमें भी अनेक साल लगेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस परिसीमन के पश्चात ही ये महिला आरक्षण बिल लागू होगा जबकि 128वें संशोधन विधेयक की सीमा ही 15 साल रखी गई है।
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इस प्रकार से यह स्पष्ट है कि यह संशोधन विधेयक वास्तव में महिलाओं को आरक्षण देने की साफ नीयत से नहीं लाया गया है बल्कि आने वाली लोकसभा तथा विधानसभा के चुनावों में देश की भोली-भाली महिलाओं को यह प्रलोभन देकर और उनकी आंखों में धूल झोंककर उनका वोट हासिल करने की नीयत से ही लाया गया है।