जुबिली न्यूज डेस्क
यूपी में अगले साल होने वाले चुनाव की वजह से पूरा माहौल चुनावी हो गया है। एक ओर जहां आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरु हो गई है तो वहीं राजनीति दलों द्वारा खूब वादे भी किए जा रहे हैं।
ऐसा ही कुछ शनिवार को बसपा प्रमुख मायावती ने वादा किया। मायावती ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए अपने पहले बड़े सार्वजनिक संबोधन में कहा कि अगर यूपी में उनकी सरकार बनती है तो वह बदले की भावना से काम नहीं करेंगे बल्कि जो भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं उसे पूरा करवाएंगी।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर भी जो निर्माण के कार्य चल रहे हैं, उनको पूरे करवाने की जिम्मेदारी वह लेंगी।
उन्होंने कहा, ‘अयोध्या, वाराणसी, मथुरा व अन्य धार्मिक स्थलों पर लोगों की सुविधा के लिए बीएसपी की सरकार के पदचिह्नों पर चलकर वर्तमान सरकार ने जो भी कार्य किए हैं उन्हें बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा बल्कि पूरा करवाया जाएगा।’
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बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी के प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चुनाव से पहले कराए जा रहे सर्वे केवल लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए किए गए कई सर्वे गलत साबित हुए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव आयोग से सभी राज्यों में प्री-पोल सर्वे पर बैन लगाने की मांग की है।
लखनऊ में कांशीराम की पुण्य तिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी भले ही मैनिफेस्टो नहीं जारी करती लेकिन एक खाका खींच देती है कि आगे क्या किया जाएगा औरअपने वादों पर खरी उतरती है।
बीजेपी और अन्य विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि कई पार्टियां बीजेपी की मदद कर रही हैं। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वह अपना वोट बर्बाद करना चाहते हैं?
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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अगर लोगों ने किसी अन्य पार्टी को वोट दिया तो एक बार फिर से बीजेपी सत्ता में लौट आएगी। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से भी कहा कि चुनाव की घोषणा होने के बाद से चुनाव संपन्न होने तक उन्हें किसी तरह की संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना है और विपक्षी पार्टियों के बहकावे में नहीं आना है।
चुनाव से पहले सर्वे के विरोध में उन्होंने कहा, बंगाल में जब चुनाव चल रहा था तो वहां पर परिणाम आने से पहले सर्वे ममता बनर्जी को बहुत पीछे दिखा रहे थे, लेकिन जब परिणाम आया तो,,,जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकना-चूर हो गया और ममता बनर्जी भारी बहुमत से वापस आ गईं। इसलिए इनके बहकावे में नहीं आना है।