जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपने समाज के लोगों को कई सन्देश दिए।
उन्होंने कांशीराम जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, कांशीराम गरीब, बिछड़ों को आगे लाना चाहते थे, उन्होंने दलित, वंचितों की आवाज उठाई, कांशीराम दलितों के हितैषी थे और बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चले।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि, दलित-पिछड़ों को एकजुट होना होगा। संकीर्ण मानसिकता की पार्टियां से सचेत रहें। हमें सत्ता तक पहुंचने से रोकने की साजिश हो रही है। पार्टी को आर्थिक आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
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हाथरस मामले पर मायावती ने कहा कि, दलितों पर जुल्म हो रहा है। विकास के उत्थान के मामले में दलित समाज की जमकर उपेक्षा की जाती है। इतना ही नहीं यह सभी पार्टियां राजनीतिक फायदे और स्वार्थ की पूर्ति के लिए इन वर्गों की बहन-बेटियों पर कोई भी जुल्म-ज्यादती होने पर राजनीतिक ड्रामा भी खूब करती हैं। इसके हाथरस जैसे कई उदाहरण हमारे सामने हैं। बीजेपी-कांग्रेस के लोग एक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, बीएसपी किसी की पिछलग्गू नहीं है। गठबंधन राजनीतिक स्वार्थ के लिए होते हैं। उपचुनाव में बीएसपी को फायदा होगा।
मायावती ने बिना नाम लिए भीम आर्मी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, बीएसपी के मूवमेंट को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए विरोधी पार्टियां पैसा बहा रहीं हैं। ऐसे संगठन, पार्टियों के पास पैसा कहां से आता है। ये संगठन विरोधी पार्टियों से चंदा लेते हैं। ऐसे लोगों से सजग और सचेत रहें।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस-बीजेपी के लोग हथकंडे अपना रहे हैं। दलितों, पिछड़ों को ये पार्टियां बहका रहीं हैं। कांशीराम चाहते थे दलित सत्ता तक पहुंचे।
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